पांच साल, पांच बार दलबदल

पांच साल, पांच बार दलबदल

-कमलेश भारतीय
-हे संजय! आ गये तुम? 
-जी महाराज धृतराष्ट्र, आ गया आपकी सेवा में क्योंकि मैं भी हस्तिनापुर से बंधा हूं। 
-तुम भी भीष्म पितामह जैसी बात कह रहे हो वत्स।  पर चुनाव महाभारत के बारे में मेरी उत्सुकता को शांत करो ।  
-महाराज।  कल चुनाव प्रचार के रथ थम गये और अंतिम दिवस पर सभी प्रत्याशियों ने रोड शो‌ में जमकर शक्ति प्रदर्शन किये।  इतने कि जो पथ पहले से टूटे फूटे थे, वे और टूट गये ।  
-ये रोड शो क्या होता है, संजय? 
-महाराज ।  ये रोड शो राजनीति सोनिया गांधी की देन हैं ।  
-वह कैसे वत्स? 
-आप जानते ही हैं महाराज कि सोनिया गांधी मूल रूप से इटली की महिला हैं लेकिन भारतीय नागरिकता ले रखी है । बेशक वे मेनका गांधी से ज्यादा भारतीय संस्कृति में विश्वास रखती हैं हिंदी को भी अपनाया और सीखा, फिर भी उनकी हिंदी विदेशी होने के चलते धारावाहिक प्रवाह वाली नहीं  रही कभी । इसलिए उनके लिए रोड शो‌ शुरू किये गये, जिससे प्रजा उनके दर्शन मात्र से कांग्रेस से भावनात्मक रूप से जुड़ जाये और ऐसा हुआ भी । उनके रोड शो कांग्रेस को रोड से सिंहासन तक ले आये ।  
-अच्छा। अब समझा। सिर्फ दर्शन मात्र देने को ही रोड शो कहते हैं, वत्स ! अब कुछ नयी जानकारी दो । 
-महाराज ।  भाजपा की ओर से अभी दो तीन माह पहले सिरसा से चुनाव लड़ने वाले अशोक तंवर फिर से भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने राहुल गांधी की जनसभा में पहुंच गये ।  
-अरे ऐसे किया अशोक तंवर ने ? 
-जी महाराज ।  तंवर ने पिछले पांच साल में पांच दल बदल बदल कर नया कीर्तिमान अपने नाम कर लिया । 
-कौन कौन से दल‌ वत्स? 
-महाराज कांग्रेस से रूष्ठ होकर अशोक तंवर ने स्वयं एक राजनीतिक दल का गठन किया । फिर तृणमूल कांग्रेस में दीदी ममता बनर्जी की स्नेह छाया में कुछ समय रहने के बाद आप और अरविंद केजरीवाल के संग कुछ समय बिताया । आखिर भाजपा का कमल भी थामा लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अशोक तंवर का वहां भी मान सम्मान कम रह गया और आखिरकार राहुल गांधी और उनके दल में पहुंच कर ही राहत की सांस ली! एक घंटा पहले तक भाजपा के मंच पर प्रचार कर रहे थे वे महाराज ।  
-अच्छा! हरियाणा आज भी दलबदल में सर्वश्रेष्ठ है, इससे कोई किसी तरह भी स्पर्धा नहीं कर सकता, संजय ।  यह आयाराम गयाराम की पवित्र पावन धरती है ।  कोई प्रतिक्रिया ? 
-अपने दाढ़ी वाले बाबा ने कहा न कि अशोक तंवर तो प्रवासी पक्षी हैं, मौसम के अनुसार कहीं भी उड़ सकते हैं ।  
-इससे कांग्रेस को क्या मिला? 
-महाराज।  भाजपा पर अंतिम दिन प्रहार कर दलित राजनीति को साधने का प्रयास और सैलजा को संदेश कि दलित चेहरा वे अकेली नहीं हैं, कोई दूसरा भी हो सकता है । 
-अच्छा, हर दल के भीतर भी एक विभाजन रेखा रहती है‌ ।  
-जी महाराज ! ऐसा ही चलन है, ऐसी ही राजनीति है ।  
-कुछ भाजपा शिविर की गतिविधियों की जानकारी भी दो न।  
-महाराज! चुनाव प्रचार तो समाप्त हो गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियां समस्त होने का नाम नहीं ले रहीं । 
-अब कौन सी नयी गारंटी दे डाली? 
-गारंटी तो क्या महाराज, इसे कांग्रेस पर आखिरी वार प्रहार कह सकते हैं आप।  
-क्या प्रहार किया? 
-महाराज प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि जातिवाद और भ्रष्टाचार कांग्रेस की गारंटियां हैं।  
-अच्छा ऐसे कहा । 
-जी महाराज । 
-लेकिन सुना है कि राहुल गांधी मोहब्बत की गारंटी दे रहा है ।  
-जी, महाराज राहुल का संदेश मोहब्बत है, जहां तक पहुंचे ।  
-किसी और शिविर की कोई जानकारी? 
-महाराज! नयी दिल्ली की नयी मुख्यमंत्री आतिशी भी हरियाणा में आईं ।  
-वे किसके लिए? 
-बरवाला में आप प्रत्याशी प्रो छत्रपाल के लिए।  
-लोकसभा चुनाव तक तो भाजपा में थे, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपने निवास पर जलपान पर भी आमंत्रित किया था ।  
-जी महाराज आपकी जानकारी सत्य पर आधारित है। प्रो छत्रपाल ने भी दलबदल में कम कीर्तिमान नहीं बनाये ! 
-ठीक है संजय ।  प्रचार समाप्त हो गया लेकिन अभी परिणाम तक आते रहना।  
-जी ्आज के लिये विदा लेता हूं आपसे महाराज।  
-जाओ वत्स।  
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।