माता सावित्री बाई फुले जयंती पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित

माता सावित्री बाई फुले के बताए मार्ग पर चलकर महिला शक्ति को दें सम्मानः देवेंद्र हरिसिंह सैनी

माता सावित्री बाई फुले जयंती पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित

हिसार, गिरीश सैनी। देश की प्रथम महिला शिक्षिका एवं समाज सुधारिका माता सावित्री बाई फुले की 194वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्थानीय सैनियान मोहल्ला स्थित सावित्री बाई फूले भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।

बतौर मुख्य वक्ता, आर्य समाज नागोरी गेट के प्रधान देवेंद्र हरिसिंह सैनी ने कहा कि नारी मुक्ति आन्दोलन की प्रणेता, दलितों व पिछड़ों की मसीहा सावित्री बाई फुले का विशेष तौर पर नारी जाति को समाज में पहचान देने व उनके उत्थान में अतुलनीय योगदान हैं। उन्होंने 1 जनवरी 1848 को लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल पुणे के भिंडेवाड़ा में शुरू किया और स्कूल की मुख्य शिक्षिका भी स्वयं बनी। 16 नवम्बर 1852 को फुले  परिवार को शिक्षा के क्षेत्र में काम के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया। महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने अपना  पूरा जीवन समर्पित कर दिया। एक पिछड़ा वर्ग परिवार में जन्मी सावित्री बाई फुले ने सामाजिक कुरीतियों से लड़ते हुए न सिर्फ खुद शिक्षा हासिल की बल्कि अन्य लड़कियों को शिक्षित कर उनका उत्थान किया। उन्होंने बताया कि फुले दम्पति ने देश में कुल 18 स्कूल खोले। उन्होंने कहा कि उस महान देवी को सच्ची पुष्पांजलि यही होगी कि हम उनके बताए मार्ग पर चलें और महिला शक्ति को पूर्ण सम्मान दें।

एडवोकेट मुकेश सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि सावित्री बाई फुले ने समाज में नारी शिक्षा की अलख जगाई और आजीवन नारी उत्थान के लिए कार्य किया। इस दौरान जगदीश सैनी, डॉ कुलदीप, मा. देवेंद्र सैनी खरड़ अलीपुर, एडवोकेट उषा सैनी, डॉ रामकुमार सैनी, सुनील सैनी, ईश्वर सैनी नाटा, रोबिन सैनी, मा. संदीप सैनी, श्याम सुंदर सैनी, ऋषि सैनी सैनीपुरा, कोमल सैनी, नीतू सैनी, रवि सैनी जमालपुरिया, एडवोकेट भव्य सैनी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।