भाजपा से निराश चार लोग निर्दलीय चुनाव मैदान में : डाॅ कमल गुप्ता
-कमलेश भारतीय
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री व तीसरी बार हिसार से भाजपा की टिकट पर चुनाव मैदान में डटे डाॅ कमल गुप्ता ने कहा कि भाजपा से टिकट न मिलने पर निराश होकर चार लोगों ने हिसार में निदर्लीय ताल ठोक दी है, ये लोग हैं सावित्री जिंदल, पूर्व मेयर गौतम सरदाना, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रहे तरूण जैन और पूर्व पार्षद अमित ग्रोवर। सावित्री जिंदल बाकायदा भाजपा में शामिल हुई थीं जबकि टिकट न मिलने पर कहा कि कांग्रेस नहीं छोड़ी लेकिन जब कांग्रेस की सूची में भी उनका नाम नहीं आया, तब वे निर्दलीय चुनाव में आ गयीं।
-आपको क्या फर्क पड़ा इन चार निर्दलीय प्रत्याशियों से?
-कोई फर्क नहीं पड़ा। मेरा चुनाव ग्राफ दिन प्रतिदिन ऊंचा ही ऊंचा उठता गया, कमलेश जी।
-वह कैसे?
-पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्मृति ईरानी सब आये और मेरा ग्राफ ऊपर होता गया। कल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की महावीर कालोनी और पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरिसिंह सैनी के आवास के सामने जनसभाएं बहुत सफल रहीं।
-देखिए, आपने भाजपा के पूर्व सहयोगियों की बात की। गौतम सरदाना व तरूण जैन ने आपकी कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं। क्या कहेंगे?
-गौतम ने याशी की बात की। याशी को मैंने नहीं इ़ट्रोड्यूस किया बल्कि पहले स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज थे, उन्होंने इंट्रोड्यूस किया, कविता जैन ने इसे इ़ट्रोड्यूस किया। मैंने तो स्थानीय निकाय मत्री बनने के बाद याशी को नोटिस दिया, एफ आई आर दर्ज करवाई। मुझ पर दोष कैसे?
-सबके परिवारजन चुनाव में उतरे हैं। आपके कौन से परिवारजन मैदान में साथ रहे?
-मेरी पत्नी डाॅ प्रतिमा, भाई अनिल गुप्ता, पवन गुप्ता, बेटी ऋचा गुप्ता, दामाद अंकुर जिंदल, बेटा अनीष, पुत्रवधु आशिमा , राजकुमार गुप्ता सभी के सभी मेरे चुनाव में साथ साथ हैं।
-सावित्री जिंदल का कहना हे कि समाजसेवा के लिए निर्दलीय चुनाव में उतरी हूँ।
-किसी को भी चुनाव लड़ने का अधिकार है। वे साढ़े नौ साल कहा़ं रहीं? चुनाव हारने के बाद लोगों से क्यों दूर रहीं? वे सक्षम थीं और लोगों से जुड़कर समाजसेवा करती रहतीं। ये चार प्रत्याशी जो टिकट से वंचित रहे, इन्हें भाजपा के प्रति आस्था नहीं रही, इसलिए अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं पर जनता सब समझती है ।