दोआबा कालेज में चार वैबीनार सीरीज आयोजित

प्रिं. डा. नरेश कुमार धीमान ने सभी रिसोर्सपर्सनस का धन्यवाद किया

दोआबा कालेज में चार वैबीनार सीरीज आयोजित
दोआबा कालेज में वैबीनार सीरीज में भाग लेते रिसोर्सपर्सन।

जालन्धर: दोआबा कालेज के आईक्यूएसी द्वारा कोविड-19 का माईग्रेंट वरकरस व उनके ह्यूमन राइटस पर वैबीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. सतनाम सिंह दयोल- राजनीति शास्त्र विभाग अध्यक्ष- जीएनडीयू ने बतौर मुख्य वक्ता प्रो. संदीप चाहल- कोरडीनेटर आईक्यूएसी, प्राध्यापकों व 30 पार्टीसिपेंटस को यूएनओ के संदर्भ में ह्यूमन राइटस का हवाला देते हुए कहा कि इण्डियन स्टेट लोकडाऊन व क्र्फयू के दौरान माईग्रेंट वरकरस के ह्यूमन राइटस सिकियोर व प्रोटेक्ट करने में पूरी तरहं से नकाम रहा जिसकी वजह से उन गरीब लोगों को साइकलों पर अपने परिवार समेेत पैडल मारते हुए तकरीबन 1500 कि.मी. तक भूखे प्यासे सफर तय करना पड़ा और जिसमें कइयों की मौत भी हो गई । 
    फिजिक्स विभाग द्वारा डीबीटी के अंर्तगत बायोमैडीकल एपलीकेशनस में नैनो टैक्नोलोजीस के इंम्पलीमेंटेशनस विषय पर वैबीनार का आयोजन किया जिसमें डा. सुधीर शर्मा- आईआईएस बैंगलौर एवं रिसर्च साईंटिस्ट न्यूयॉर्क यूनीर्वसिटी अबूधाबी तथा कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित हुए जिन्होंने डा. अर्शदीप सिंह विभागध्यक्ष, प्राध्यापकों और 35 पार्टीसिपेंटस को नैनो टैक्नोलोजी की विस्तृत जानकारी तथा बायोमैडीकल एप्लीकेशनस में नैनो मैटीरीयलस के इस्तेमाल के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
    पोस्ट ग्रेजूएट कमिस्टरी विभाग द्वारा डीबीटी न्यूकलियर मैगनेटिक रैसोनेंस स्प्रैट्रोस्कोपी विषय पर वैबीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. वीनस सिंह मिठू- कमिस्ट्री विभाग जीएनडीयू एवं कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित हुए जिन्होंने प्रो. के.के. यादव- विभागध्यक्ष, प्राध्यापकों और 40 पार्टीसिपेंटस को न्यूकलियर मैगनेटिक रैसोनेंस स्पैकट्रोसकोपी के बेसिकस तथा उसके एपलीकेशनस एवं बायोमैडीकल एवं मट्रीयल साईंसिस में एनआमआर टैक्नीक के बारे में भी बताया। 
    कॉलेज के आईक्यूएसी विभाग द्वारा गोर्वरनमेंट का कोविड-19 के प्रति रिस्पोंस विषय पर वैबीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. जगरूप सिंह सेखों- पूर्व राजनीती शास्त्र विभागध्यक्ष-जीएनडीयू बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित हुए जिन्होंने प्रो. संदीप चाहल-आईक्यूएसी कार्डीनेटर, प्राध्यापकों और 30 पार्टीसिपेंटस को संबोधित करते हुए कहा कि पेंडमेक्स की भारत में शुरुआत 1896 में हुई जोकि मुख्यता समुंद्री रास्ते से ही आई थी तथा उस समय ब्रिटिश हकूमत ने फिजिक्ल हाईजीन, स्क्रीनिंग ऑफ पैसेंरसर, सैनेटाईजेशनस आफ होम एवं वर्क पलेस बड़ी सख्ती से लागू किया था जिसे कि आज भी कोविड-19 के काल में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुभार्गयपूर्ण है कि सरकार कोविड-19 महामारी को समझने में नाकाम रही है तथा लॉकडाउन व क्र्फयू लगाकर इन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला ही झाड़ा है तथा आम आदमी को इसमें कुछ भी सहायता नहीं मिली। सरकार को चाहिए कि आने वाले समय में हेल्थ और शिक्षा में ज्यादा इन्वेसटमेंट करे तांकि लोगों का भला हो सके। प्रिं. डा. नरेश कुमार धीमान ने सभी रिसोर्सपर्सनस का धन्यवाद किया।