डिस्को से लेकर ऊह ला ला तक सोना बिखेर गए बप्पी दा
बप्पी लहरी भी चले गए। अस्सी और नब्बे के दशक में डिस्को म्यूजिक को दिलों में उतारने वाले बप्पी दा सोने की चेन और लॉकेट से लदे रहते थे। उनका संगीत भी सोने सा खरा था। इस महीने लता दी के बाद बप्पी दा का भी चले जाना बहुत खलेगा संगीत प्रेमियों को। बप्पी दा को हमारी विनम्र श्रृद्धांजलि। वीरवार को दादा का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो जाएगा। पंचतत्व का हमारे जीवन में जितना महत्व है, टेलीकॉम सेक्टर वैसा ही महत्व 5जी टैक्नोलॉजी का है। पिछले दिनों अमेरिका में 5जी चालू होने से पहले ही हंगामा खड़ा हो गया था, जब वहां के कई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेशी विमानों की आवाजाही थम गई। एयर इंडिया ने भी अपनी उड़ानें यह कह कर स्थगित कर दी थीं कि 5जी तकनीक से विमानों के आवागमन में गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। तभी यह शंका होने लगी थी कि भारत में 5जी लाने की तैयारियां चल रही हैं और सबको तेज रफ्तार इंटरनेट का 5जी टैक्नोलॉजी का बेसब्री से इंतजार भी है। ऐसे में क्या भारत में भी इस तकनीक से विमानन में समस्या आएगी।
इस बारे में दूरसंचार नियामक ट्राई ने यह कहकर आशंका को विराम लगा दिया कि 5जी मोबाइल सेवाओं के कारण भारत के ऊपर से उड़ान भरने वाले विमानों को किसी भी सुरक्षा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। ट्राई ने कहा कि अमेरिका में 5जी के लिए निर्धारित स्पेक्ट्रम और विमान के बीच दूरी कम है, जबकि भारत में यह दूरी बहुत अधिक है। हालांकि, इस आशंका को पूरी तरह से दूर करने के लिए ट्राई अपने स्तर पर गहन जांच करेगा। कोचर ने कहा कि भारत के 5जी बैंड यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान के बाजारों में आवंटित स्पेक्ट्रम जैसे हैं। इन बाजारों में 5जी से कोई समस्या नहीं हुई है और विमानों से जुड़ी एक भी समस्या सामने नहीं आई है। भारत में 5जी आने में अभी कुछ समय लगेगा। विमानों की परेशानी को देखते हुए अमेरिका को अपना 5जी नेटवर्क चालू करने का प्लान रोकना पड़ गया। अमेरिका में 5जी नेटवर्क और कुछ बड़े विमानों के उतरने में सहायक उपकरणों की तरंगें लगभग एक ही लेवल की होने से विमान की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया था।
अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों ने 81 अरब डॉलर का भुगतान करके सी-बैंड हासिल किया था, जो अब खटाई में पड़ गया है। सी-बैंड सेवा तेज गति और व्यापक कवरेज प्रदान करती है और वहां यह मध्य जनवरी में चालू होने वाली थी। इसके कारण सबसे अधिक समस्या बोइंग 777 श्रेणी के लंबी दूरी और चौड़ी बॉडी वाले विमानों को होती। बोइंग ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी करके खतरे की चेतावनी दे दी थी। पांच के अंक से जुड़ी एक और खबर सामने आई है। भारत में साड़ियों से ज्यादा मांग सलवार सूट और कुर्ती की है। इसी तरह महिलाओं में वेस्टर्न वियर की मांग अधिक रहती है। वर्ष 2015 से 2020 के बीच रेडिमेड कपड़ों का बाजार 63 प्रतिशत बढ़कर लगभग 5 लाख करोड़ रुपए का हो गया। अगले चार वर्षों के बारे में अनुमान है कि रेडिमेड गारमेंट मार्केट 60 प्रतिशत बढ़ कर लगभग 8 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)