हरियाणा की माटी से /कांग्रेस : चलती का नाम गाड़ी या रुकावट के लिये खेद ?
-*कमलेश भारतीय
आज समाचारपत्रों में एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें एक कार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ड्राइव करते दिखाई दे रहे हैं और फ्रंट सीट पर उनके साथ बैठी हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री सैलजा और बैक सीट पर फायर ब्रांड किरण चौधरी ! इसे एसआरके गुट का नाम दिया गया है । यह फोटो हरियाणा कांग्रेस की कड़वी सच्चाई को सामने ला रही है । इसे वैसे ही जैसे कभी अपने रोड शो के दौरान हिसार आने पर श्रीमती सोनिया गांधी ने तब चौ भजनलाल, चौ वीरेंद्र सिंह , चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सुश्री सैलजा को कांग्रेस की एकजुटता दिखाने के लिये एक ही गाड़ी के सवार बनाया था । हालांकि इसमें कोई सफलता नहीं मिली थी । गुटबाजी वैसी की वैसी दीमक की तरह कांग्रेस को खोखली करती रही और आज भी क रही है । आज वह फोटो भी याद आ गयी बल्कि उस समय एक पत्रकार के रूप में यह नजारा अपनी आखों के सामने देखा था और हम पत्रकार इशारों इशारों में बहुत मुस्कुराये थे ! आज भी इस फोटो को देखकर ऐसी हंसी आ रही है -ऐ काग्रेस तेरे अंजाम पे रोना आया ! ये गुटबाजी की ऐसी दो तस्वीरें हैं जो यह बयान करती हैं कि काग्रेस नेता और उनका चरित्र कभी नहीं बदले । ये सदा से ही ऐसे थे । बस फोटो में चेहरे डदल जाते हैं लेकिन इसकी सच्चाई वही रहती है । आजकल रणदीप सुरजेवाला कर्नाटक की सफलता को कैश करने में लगे हुए हैं और दूसरी तरफ सैलजा छत्तीसगढ़ की प्रभारी हैं और तीनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बहाने एक दूसरे की प्रशंसा में कोई कमी नहीं छोड़ी और यह बताना नही भूले कि वे तीनों काग्रेस के सिपाही हैं ! अब ये किस तरह से कांग्रेस का काम कर रहे हैं , यह तो हाईकमान ही जाने या नये हरियाणा प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ! किस बात की मैराथन बैठकें कर रहे हैं बावरिया जी ?
फिर याद आ रहा है जींद का उपचुनाव जब भाजपा के रामबिलास शर्मा ने मार्के की बात कही कि कांग्रेस तो एक दूसरे का कांटा निकालने में लगी है और रणदीप सुरजेवाला जींद उपचुनाव हारे और फिर राज्यसभा के लिये हरियाणा से नहीं बल्कि राजस्थान से पहुंचे ! यदि हरियाणा से कोशिश करते तो दिल ही दिल में जानते थे कि आर के धवन और अजय माकन की गति को प्राप्त होते ! अब नये विधानसभा चुनाव में कौन किसका कांटा निकलेगा कह नहीं सकते ! हां ! अब एक नया रिवाज आया है कांग्रेस में न्योता देने और न्योता घालने का ! यह नया दस्तूर आया है ।
नये प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को लेकर भी छींटाकशी आम बात है । खास तौर पर संगठन न बने पाने को लेकर ! प्रतिपक्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम की आलोचना भी यह त्रिमूर्ति कर रही है कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान छोड़कर यह अलग अभियान क्यों चला रहे हैं ! इस तरह एक दूसरे की आलोचना करने में कोई संकोच नहीं और मीडिया के आगे भी कोई लिहाज नहीं ! अब सब कुछ खुलेआम हो रहा है और कांग्रेस हाईकमान की खामोशी बहुत हैरान करने वाली है !
दुष्यंत कुमार कहते हैं :
ये दरवाजा खोलो तो खुलता नहीं है
इसे तोड़ने का जतन कर रहा हूं !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।