समाचार विश्लेषण/हरियाणा की माटी से - कांग्रेस में रह कर जनता की लड़ाई!
-*कमलेश भारतीय
यह कमाल कांग्रेस में ही हो सकता है और कांग्रेस में ही देखने को मिल सकता है । राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट में छत्तीस का आंकड़ा है और यह बात पार्टी के अंदर और बाहर विपक्षी दल सभी जानते हैं । राजस्थान सरकार पर दो साल पहले संकट के बादल सचिन पायलट की गलत उड़ान से ही छाये थे । पायलट गलत जगह लैंड करने वाले थे । फिर अशोक गहलोत ने अपनी कुर्सी बचाने में सफलता पाई और सचिन पायलट घर के बुद्धू की तरह घर लौट आये । उपमुख्यमंत्री पद इस गलत लैंडिंग की भेट चढ़ गया ! कांग्रेस हाईकमान इनमें बच्चों की तरह सुलह करवाता है लेकिन दोनों नेता अपनी आदत से मजबूर नजर आते हैं । राजस्थान में अगले साल चुनाव आने वाले हैं लेकिन अभी तक इन नेताओं की कुट्टी खत्म नहीं हुई । अपनी ही सरकार के खिलाफ सचिन पायलट धरने पर बैठ गये थे कि भ्रष्टाचार की जांच नहीं कर रही सरकार ! ल्यो कर ल्यो बात ! अब कह रहे हैं कि जनता की लड़ाई जारी रखूंगा लेकिन पार्टी के साथ रहूंगा ! यह क्यों नहीं करते कि कांग्रेस से लड़ाई कांग्रेस के अंदर रहकर ही करूगा ! वैसे समझने वाले समझ गये जो न समझें वो अनाड़ी हैं ! यह भी खूब कही ! अच्छी रणनीति है कि पार्टी के साथ हूं लेकिन पार्टी की जड़ खोदने में कोई कमी नहीं छोडूंगा !
सचिन पायलट से पहले गुलाम नबी आजाद भी खूब खरी खोटी सुनाकर और कांग्रेस की छवि को जितना धूमिल कर सकते थे करके , यह कर्त्तव्य निभा कर पार्टी छोड़कर चले गये ! कपिल सिब्बल भी सोनिया गांधी के नाम चिट्ठियां लिखने के बाद समाजवादी पार्टी के सहारे राज्यसभा में जा पहुंचे ! ज्योतिरादित्य सिंधिया और जतिन भी कांग्रेस को बिना फल वाला पेड़ समझकर चलते बने ! ये दोनों राहुल गांधी की ड्रीम टीम के सदस्य थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया को देखकर ही तो राहुल गांधी ने संसद में आंख मारी और मुफ्त में हुए बदनाम ! उसी ज्योतिरादित्य ने मध्यप्रदेश की सरकार गिरा कर केंद्र में मंत्री पद पाने में देर नहीं लगाई । कांग्रेस को आंख दिखाकर चलते बने !
इधर हरियाणा में भी कोई कमी नहीं । कर्नाटक की जीत का श्रेय राहुल गांधी को कम इसके प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को उसके समर्थकों ज्यादा दे रहे हैं ! इसी वजह से रणदीप सुरजेवाला चौदह जून को हरियाणा में अपना दम दिखाने जा रहे हैं ! और कार्यक्रम की शुरूआत कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ से ही करेंगे तो हरियाणा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की काग्रेस की यह तैयारी है ! पहले से ही किरण चौधरी और सैलजा भी तैयारियों में जुटी हुई हैं ।अब तो तीन तीन नेता तैयारियां करेंगे तो विरोधियों को कुछ करने की जरूरत ही क्या है ! कांग्रेस ही कांग्रेस के लिये काफी है भाई ! किसी और की जरूरत कोनी ! हम हैं न ! कांग्रेस की यह अंतर्कलह कब खत्म होगी ? कभी अशोक तंवर ऐसे ही करते रहे । यदि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रथयात्रा लेकर निकले तो वे साइकिल यात्रा पर निकल पड़े थे ! यह खेल जारी है ! कब तक ?
दुष्यंत कुमार कह रहे हैं :
जिस तबाही से लोग बचते थे
वह सरेआम हो रही है अब !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।