क्रिकेट का खेल, कोई पास कोई फेल
-*कमलेश भारतीय
आईपीएल लगभग खत्म होने की ओर बढ़ रहा है । क्रिकेट का रोमांच भी खत्म होने की ओर कदम बढ़ा रहा है। लगभग एक माह हो गया क्रिकेट का यह रोमांच देखते देखते। सबसे बड़ा उलटफेर यह हुआ कि क्रिकेट के नये भगवान् महेंद्र सिंह धोनी की टीम आरसीबी से हार कर ट्राफी जीतने की दौड़ से बाहर हो गयी। धोनी संभवत: अपना आखिरी आईपीएल हार कर मैदान से आंखों में आंसू लिए बाहर आये। और अब रांची अपने घर लौट चुके हैं । ऐसी अंतिम विदाई तो सोची न थी। आरसीबी के हौंसले को सलाम, जो टीम लगातार छह मैच हारकर लगभग ट्राफी की दौड़ से बाहर मानी जा रही थी, वही टीम लगातार छह मैच जीतकर फाइनल में पहुंच गयी। यही तो ज़िन्दगी का सबक है-आखिरी दम तक लड़ाई लड़ो और जीतो।विराट कोहली ने कहा है कि यदि आईपीएल ट्राफी जीती तो इसे अपने बेटे के लिए सबसे बड़ा तोहफा मानूंगा।
बाद में दिनेश कार्तिक ने धोनी के छक्के का मज़ाक उड़ाया, जो बिल्कुल भी बर्दाश्त के बाहर है। धोनी ही वह कप्तान है, जिसने कपिल देव व सौरभ गांगुली के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को सजाया संवारा और तीनों फार्मेट में देश के लिए ट्राफियां जीतीं, यह कमाल कोई और कप्तान नहीं कर पाया। धोनी की कमी अब मैदान पर खलेगी और यह मांग उठ रही है कि धोनी को विश्व कप की टीम के साथ किसी न किसी रूप में भेजकर इनकी रणनीतियों का साथ लिया जाये।अनहोनी को होनी नहीं कर सके आखिरी मैच में धोनी और ऋतुराज गायकवाड़ ने सही कहा कि यदि रचिन रन आउट नहीं होते तो मैच का परिणाम कुछ और होता। शिवम् दुबे की गलती से रचिन के रन आउट होते ही मैच हाथ से निकल गया। तभी तो कहते हैं कि चाय की प्याली और होंठों के बीच बहुत फासला होता है। हाथ में जाम बदल जाते हैं। इसी तरह आरसीबी ने सीएसके को हरा दिया। इसी तरह कल रात सनराइजर्स हैदराबाद को कोलकाता नाइट राइडर्स ने हरा दिया जबकि काव्या मारन की यह टीम बहुत अच्छा खेलती रही लेकिन अंत नूं फौजां, जित के हारियां ने और हार गयी सनराइजर्स हैदराबाद। प्रीति जिंटा की तरह काव्या मारन भी आंखों में आंसू लिए विदा हो गयी। इस आईपीएल में बहुत से अच्छे दृश्य भी देखने को मिले जब खिलाड़ियों ने दूसरी टीम के खिलाड़ी के बीच मैदान तस्मे बांधे। इसी आईपीएल ने देश की अमीर महिला नीता अम्बानी का अहंकार भी तोड़ा कि खेल खेल ही होता है और सब जगह पैसे का बोलवाला नहीं होता। रोहित शर्मा को कप्तान से हटा दिया और मुम्बई इंडियन टीम की किरकिरी हुई। पैसा किसी काम नहीं आया और हार्दिक पंड्या को भी सबक कि अपने सीनियर का सम्मान करना सीखो पहले। यह कप्तानी तो आनी जानी चीज़ है। आज है, कल नहीं।
ऐ भाई, आईपीएल है
आगे भी होगा और फिर भी होगा
ऐ भाई ज़रा सोच के चलो!
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी