बैत बाज़ी में ग़ालिब ग्रुप ने बाज़ी मारी

पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के उर्दू विभाग द्वारा बैतबाज़ी का आयोजन किया गया, जिसमें उर्दू व फ़ारसी विभाग के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

बैत बाज़ी में ग़ालिब ग्रुप ने बाज़ी मारी

चंडीगढ़, मई 21, 2022 : पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के उर्दू विभाग द्वारा बैतबाज़ी का आयोजन किया गया, जिसमें उर्दू व फ़ारसी विभाग के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम में दो राउंड हुए, छात्रों ने  उर्दू भाषा के प्रमुख कवियों की मानक कविताओं का पाठ किया और शेरों की अंत्याक्षरी  में सफल रहे, मात्र पन्द्रह सेकेंड में हर प्रतिभागी को शेर पढ़ना था जिसकी वजह से अंत तक दोनों प्रतिभागियों ने कशमकश का माहौल बनाए रखा,जिसकी वजह से मुक़ाबला अंत तक बहुत रोचक रहा,जिसमें निर्णायकों ने अंतत:ग़ालिब ग्रुप को विजेता घोषित किया।

इस ग्रुप में,राशिद अमीन नदवी,ख़लीक़ उर रहमान,जसप्रीत सिंह,बशीर,सुमेघा वैद,जेपी सिंह,नाज़िर, राम,मानिक व वीना आहूजा ने भाग लिया।

विजेता टीम को ट्रॉफी से सम्मानित किया गया और सभी प्रतिभागियों को स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा, हाफ़िज़ ग्रुप को सिकंड पुरस्कार के रूप में ट्रॉफी व रजत पदक और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

 इस ग्रुप में मुहम्मद सुल्तान, सुदीप सिंह, विदुषी चंदेल, मनीज़ पनेसर, तरणजोत सिंह, मनदीप सिंह, परमवीर सिंह, रमनप्रीत, कार्तिक ने भाग लिया।

अपने शुरुआती वक्तव्य में उर्दू विभाग के संयोजक और अध्यक्ष डॉ. अली अब्बास ने बैत बाज़ी के सिद्धांतों और नियमों के बारे में बताया और कहा कि उर्दू विभाग की तरफ़ से  पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार यह बैत बाज़ी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।  उन्होंने कहा कि बैत बाज़ी  से छात्रों में शायरी व अदब का ज़ौक़ और सही शायरी पढ़ने का जुनून भी पैदा होगा।

उर्दू और फारसी विभाग से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा और परास्नातक के छात्रों और शोधार्थियों के उत्साह को देखते हुए डॉ. अब्बास ने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और चंडीगढ़ के विभिन्न कॉलेजों के बीच बड़े पैमाने पर बैत बाज़ी का आयोजन किया जाएगा.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेते हुए डॉ. रेहाना परवीन ने कहा कि कार्यक्रम अपेक्षा से अधिक सफल रहा।  विद्यार्थियों ने मानक शायरी को बहुत ही अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया।छात्रों के उत्साह को देखते हुए ऐसा नहीं लगा कि विभाग में पहली बार यह बैत बाज़ी का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में बतौर जज  'तामीर ए हरियाणा' के पूर्व संपादक और कवि डॉ. सुल्तान अंजुम ने कहा कि बैत बाज़ी कभी उर्दू के लोगों की पहचान थी, शिक्षकों की कविताओं को याद करना, उन्हें महफ़िलों में पढ़ना एक सराहनीय कार्य माना जाता था।  एक समय था जब कायस्थ घराने की शादी पार्टियों में बैत बाज़ी एक अनिवार्य रस्म थी।  लेकिन आजकल उर्दू के साथ-साथ बैत बाज़ी का शौक़ भी मद्धम पड़ता जा रहा है.  उर्दू विभाग में आयोजिन बैत बाज़ी वाक़ई क़ाबिल तारीफ रहा।

 साथ ही कार्यक्रम के दूसरे जज रहीं मशहूर उपन्यासकार डॉ. रेणु बहल ने कहा कि इस अवसर पर युवा साथियों का उर्दू के प्रति रूझान देखकर यह यक़ीन हो चला है कि पंजाब में उर्दू का भविष्य उज्जवल है, उर्दू के नए चराग़ यहाँ जलते रहेंगे और उर्दू भाषा निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगी। आशा है कि उर्दू विभाग भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा।

बैत बाज़ी में विश्वविद्यालय के संचार विभाग से प्रोफेसर अर्चना सिंह ने कहा कि आज विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा कार्यक्रम देखा और सुना है, जिसमें भाग लेकर उन्हें बहुत खुशी हुई.  उन्होंने आगे कहा कि हम उर्दू के छात्रों को पीयू रेडियो पर आमंत्रित करने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि उन्हें प्रसिद्ध उर्दू कवियों से संबंधित  अपनी बात रखने का मौक़ा मिले और हमें इसमें भाग लेने वाले छात्रों के लिए खुशी होगी।

कार्यक्रम को सफ़ल बनाने और छात्रों में उत्साह पैदा करने में उर्दू विभाग की डॉ. ज़ररीन फ़ातिमा व फ़ारसी विभाग से डॉ. ज़ुल्फ़िकार अली ने अहम भूमिका निभाई।

बैत बाज़ी में विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स व शहर की विभिन्न हस्तियों के अलावा बड़ी संख्या में उर्दू भाषा के प्रशंसकों शिरकत की और ख़ूब लुत्फ़ अंदोज़ हुए।