समाचार विश्लेषण/गुलाम नबी आजाद हरियाणा के नेताओं के निशाने पर
गुलाम नवी आजाद कभी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे और सबकी आंखों के तारे थे
-कमलेश भारतीय
गुलाम नवी आजाद कभी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे और सबकी आंखों के तारे थे लेकिन जबसे वे कांग्रेस हाई कमान के खिलाफ बगावत करने वालों के सुर में सुर मिलाने लगे तब से वे हरियाणा के नेताओं की आंखों में बुरी तरह खटकने लगे । गुलाम नवी आजाद ने कांग्रेस हाईकमान पर ड्राइंग रूम राजनीति करने और अध्यक्ष बदलने की बात कही थी । पहले इसका जवाब सलमान खुर्शीद ने दिया और नेत्रहीन शब्द तक उपयोग किया । अब हरियाणा के नेताओं ने गुलाम नबी आजाद को घेरा है । कुलदीप विश्नोई ने कहा कि हम आपका प्लान कामयाब नहीं होने देंगे । ये नेता कांग्रेस को कमज़ोर कर रहे हैं । दरअसल गुलाम नबी आजाद ने बिहार चुनाव परिणाम को लेकर टिप्पणी थी जिसकी शुरूआत कपिल सिब्बल ने की । इसमें पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति ने भी पूरा योगदान दिया ।
गुलाम नबी आजाद से हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव भी पूछ रहे हैं कि यदि आप इतने ही सयाने थे तो बताइए हरियाणा के प्रभारी रहते कांग्रेस संगठन के चुनाव क्यों नहीं करवाये ? यूपी में प्रभारी बन कर क्या कर पाए थे ? आखिर आपको क्या हक है इस तरह की टिप्पणी करने का ? कोई उदाहरण तो दिया होता अपनी सफलता का । पूर्व मंत्रियों सुभाष बतरा और कृषणमूर्ति हुड्डा ने भी गुलाम नबी आजाद की कड़ी आलोचना की है और यहां तक चेतावनी दी है कि दिल्ली स्थित उनके आवास के सामने इस बयान के विरोध में प्रदर्शन करेंगे । इन पूर्व मंत्रियों ने कहा कि न केवल आजाद बल्कि कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा की गतिविधियां पार्टी विरोधी हैं और ये कांग्रेस को कमज़ोर करने में जुटे हैं । इनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए । इस सारी स्थिति को भांपते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक आमंत्रित की है ।
मज़ेदार बयान तो जजपा नेता और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दिया है कि हुड्डा स्पष्ट करें कि वे किसके साथ हैं -कांग्रेस हाई कमान या गुलाम नबी आजाद के साथ ?
खैर । इस घमासान के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सैलजा ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण की सारी जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी है । दीपेंद्र हुड्डा किसानों की अनदेखी का मुद्दा उठा रहे हैं ।
आप खुश हो जाइए कि कामेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष को जमानत मिल गयी है और कंगना भी अपना केस लड़ने हाईकोर्ट जा रही है । अब भारती सिंह कितना हंसायेगी या रुलायेगी ? यह तो वही जानती है पर एनसीबी के अधिकारियों पर छापा मारने जाने पर हमले की शुरूआत बहुत बुरा संकेत है ।