जीजेयूः एनईपी कोऑर्डिनेटर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

जीजेयूः एनईपी कोऑर्डिनेटर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इस शैक्षणिक सत्र से अपने संबद्ध महाविद्यालयों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी-2020) लागू कर रहा है। एनईपी कोऑर्डिनेटर्स को प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ की सम कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने शिरकत की। कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। एमडीयू, रोहतक के सेंटर फॉर करिकुलम डिजाइन एंड डेवलपमेंट (सीसीडीडी) निदेशक प्रो. अजय के. राजन की विशेष उपस्थिति रही। इस दौरान डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. देवेन्द्र कुमार, एमएमटीटीसी की निदेशक प्रो. सुनीता रानी व डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार भी मौजूद रहे।

मुख्य अतिथि प्रो. सुषमा यादव ने कहा कि एनईपी हमें अनेक प्रकार से विभिन्न आयामों पर सोचने, परिवर्तन और चिंतन का अवसर देती है। यह शिक्षा नीति छुपी हुई प्रतिभाओं को बाहर निकालने के लिए एक मंच का काम करते हुए देश में गुणवत्ता आधारित शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने में सहायक होगी।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि गुजवि द्वारा कैंपस में गत वर्ष से ही एनईपी पूर्णतया लागू कर दी गई थी। इस सत्र से संबद्ध महाविद्यालयों में भी एनईपी को लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैल्यू एडेड कोर्सेज को बढ़ावा दिया जा रहा है।  गुजवि ने हरियाणा नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड, पंचकूला के साथ एमओयू कर 17 नए लघु अवधि सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए हैं।

प्रो. अजय के राजन ने कहा कि श्रेष्ठ शिक्षा व्यवस्था के सहारे ही किसी देश को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। किसी विकसित राष्ट्र की उन्नति का मुख्य आधार शिक्षा है। भारत में शिक्षा व्यवस्था की गौरवशाली प्राचीन परम्परा को फिर से स्थापित करना होगा। वैश्विक स्तरीय ज्ञान से ही भारत फिर से विश्व गुरु बन सकता है। 

प्रो. सुनीता रानी ने अपने स्वागत संबोधन में कार्यशाला के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. संजीव कुमार ने बताया कि महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए आईसीटी के अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, पेडोलॉजिकल इश्यू व रिसर्च मेथड्स विषयों पर भी कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। 

प्रो. अजय के. राजन, प्रो. देवेन्द्र कुमार तथा प्रो. संजीव कुमार ने कार्यशाला में सत्रों का संचालन किया और प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए।