देश की स्त्रियों बढ़ो कि दुनिया इन्तजार में है : डॉ. नीलम सेठी
फगवाड़ा: दिनांक 11 मार्च 2022 को स्थानीय बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान, फगवाड़ा तथा कमला नेहरू कालेज फॉर वीमेन, फगवाड़ा के हिन्दी विभाग के सांझा सहयोग से महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘पानी-सा बहता जीवन’ की थीम पर नारी सशक्तिकरण पर भाषण प्रतियोगिता तथा विचार चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम पुरस्कार बी एस सी मेडिकल की छात्रा अमनप्रीत को 1500/-की नगद राशि के साथ, द्वितीय पुरस्कार बी एस सी नॉन मेडिकल की छात्रा संजना को 1000/- की राशि व तृतीय पुरस्कार कोमल, बी ए की छात्रा को 500/- की नगद राशि के साथ बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान द्वारा प्रदान किया गया। करीब 10 प्रतियोगियों ने भाषण द्वारा विषय पर अपने विचार व्यक्त किये| सभी को प्रमाणपत्र, बिम्ब-प्रतिबिम्ब प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तकें और नकद राशि देकर सम्मानित किया गया|
इस अवसर पर डॉ. नीलम सेठी ने बतौर सत्र-अध्यक्ष स्त्री-जीवन की विसंगतियों पर गंभीरता से विचार रखते हुए बताया कि यह दौर हमें स्वतंत्र होने और अपनी अहमियत पहचानने का दौर है| घर से लेकर बाहर तक का कोई कोना ऐसा नहीं है जो तुम्हारे संघर्ष से दीप्त न हो लेकिन संघर्षों और प्रताडनाओं की एक पूरी दुनिया है तुम्हारे हिस्से, यह भी इनकार नहीं है| देश की स्त्रियों बढ़ो कि दुनिया इन्तजार में है|
डॉ. दिग्विजय पांड्या ने कैरियर में लिंग-समानता पर बल देते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया| मीडिया जगत से लेकर जीवन के अन्य क्षेत्रों के उदाहरण रखते हुए उन्होंने कहा कि “यह समय जेंडर एक्वैलिटी का है और हमें इस राह में चिंता मुक्त होकर विचार करने की जरूरत है| आपके पास योग्यता और समझ है तो कोई रोक नहीं सकता है आगे बढने से| गढ़े गए विचारों से बचो ताकि सच का यथार्थ निकलकर सामने आ सके|
श्री बलविन्दर अत्री ने संबंधित बिषय पर अपना विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान समय स्त्रियों का है तो जरूरी है कि वह अपनी ज़िम्मेदारी को समझें और ईमानदार कोशिश करते हुए बदलते समय के मूल्यों को और अधिक परिपक्व बनाएं| हमें स्त्री-पुरुष में आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए| यह समय विकास का है और विकास-परम्परा को देखना-समझना हमारा कर्तव्य है|
बिम्ब-प्रतिबिम्ब सृजन संस्थान के संस्थापक निदेशक अनिल पाण्डेय का कहना था कि इस तरह के कार्यक्रम करवाना संस्थान का प्रमुख उद्देश्य है ताकि ऐसे युवा सार्थक दिशा की तरफ कदम बढ़ा सकें| फ़ैशन की दुनिया से दूरी हो जाए ठीक है लेकिन पुस्तकालय का रास्ता हमें पता होना चाहिए| दो टाइम खाना न भी मिले तो चल जाएगा लेकिन किताबें खरीदने और रखने का शौक हमें होना चाहिए| हमें ख़ुशी उस दिन होगी जिस दिन यहाँ उपस्थित सभी छात्राएं अपनी आस-पडोस के बच्चों को पढ़ाते हुए दिखाई देंगी| हम इसलिए प्रयासरत हैं कि आपको मंच मिले और आप ईमानदारी से नई दुनिया के निर्माण में सक्रिय होकर प्रेरणा का कार्य करें| इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने यह ऑफर किया कि एम. ए. हिंदी विषय से जो भी प्रवेश लेगा, संस्थान ऐसे चार छात्र-छात्राओं को फ्री शिक्षा की सुविधा देगा|
इस आयोजन का कुशल मंचसंचालन डॉ. आशा शर्मा, अध्यक्षा, हिन्दी विभाग तथा कार्यक्रम संयोजिका ने बखूबी निभाया। प्राचार्या डॉ. सविन्दर पाल ने आयोजन में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों का हार्दिक अभिनन्दन तथा आभार व्यक्त किया व संयोजिका डॉ. आशा शर्मा को आयोजन की सफलता पर हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि ऐसे समारोहों से छात्राओं का मनोबल औऱ आत्मविश्वास बढ़ता है। आयोजन में कालेज प्राध्यापक डॉ. रुमिन्दर,अध्यक्षा पंजाबी विभाग, मैडम शशि स्याल , अध्यक्षा संस्कृत विभाग तथा डॉ. प्रियंका ऐरी, अध्यक्षा होम साइंस विभाग, बिम्ब-प्रतिबिम्ब प्रकाशन के प्रतिनिधि श्री कपिल देव भी विद्यमान थे।