उच्च गुणवत्ता के शोध की राह पर चलकर ही पा सकते हैं 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्यः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि उच्च गुणवत्ता के शोध की राह पर चलकर ही 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। विश्वविद्यालयों को इस दिशा में अपना अग्रणी योगदान देना होगा।
प्रो. नरसी राम बिश्नोई डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लेबोरेटरी (सीआईएल) के सौजन्य से 'कंप्रिहेंसिव हैंड्स ऑन वर्कशॉप ऑन एनएमआर एंड एचपीएलसी टेक्नीक्स' पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। सीआईएल के निदेशक एवं कार्यशाला के संयोजक प्रो. मनीष आहुजा, संयोजक सचिव प्रो. सी.पी.कौशिक व प्रो. मनीष कुमार हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि एनएमआर एवं एचपीएलसी शोध और उद्योग क्षेत्र में प्रयोग होने वाले अत्यंत शक्तिशाली और महत्वपूर्ण टूल्स हैं। विशेषकर चिकित्सा, फार्मास्युटिकल, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य तकनीकी तथा बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के लिए ये टूल्स अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि विवि के शोध को उच्च स्तर प्रदान करने में सीआईएल का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि वे इस कार्यशाला में सिखाई जाने वाली तकनीकों का फायदा उठाएं तथा राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।
प्रो. मनीष आहुजा ने स्वागत सम्बोधन किया तथा सीआईएल की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। प्रो. सी.पी. कौशिक ने बताया कि इस कार्यशाला के दौरान विशेष व्याख्यानों, प्रदर्शनियों तथा हैंड्स ऑन ट्रेनिंग आदि के माध्यम से उच्च स्तरीय विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यशाला में 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।