भारत सरकार दुनिया के सामने लाई बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कोः प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री
द प्रॉब्लम ऑफ माइनॉरिटीज इन बांग्लादेश विषय पर एमडीयू में विस्तार व्याख्यान।
रोहतक, गिरीश सैनी। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की समस्याएं समाज के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है, जिसके समाधान के लिए इस समस्या के मूल को समझना होगा। ये उद्गार हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला के निदेशक प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने मंगलवार को एमडीयू के स्वराज सदन में आयोजित विशेष विस्तार व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए।
एमडीयू की पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, लोक प्रशासन विभाग और रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में- द प्रॉब्लम ऑफ माइनॉरिटीज इन बांग्लादेश विषय पर आयोजित इस विस्तार व्याख्यान कार्यक्रम में प्रो. अग्निहोत्री ने बांग्लादेश व पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालातों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को भारत सरकार ने दुनिया के सामने लाया है। आज भारत की बदौलत दुनिया इस मुद्दे पर बोल रही है और इस मुद्दे को बड़े परिपेक्ष्य में समझने की जरूरत है। उन्होंने इस दिशा में विश्वविद्यालयों में गहन विचार-मंथन एवं शोध कार्य पर बल देने की बात कही।
डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने अध्यक्षीय संबोधन में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को दयनीय बताते हुए कहा कि वहां के अल्पसंख्यक धार्मिक असहिष्णुता, सामाजिक भेदभाव, जमीन और संपत्ति का हड़पना, मानवाधिकारों का उल्लंघन, शैक्षिक एवं आर्थिक असमानताएं आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में वहां की सरकार को कानूनों की ईमानदारी से पालना करनी होगी और यूएन एवं मानवाधिकार संगठनों को भी इस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के निदेशक प्रो. सेवा सिंह दहिया ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और व्याख्यान की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। डॉ. विवेक बाल्यान ने कार्यक्रम संचालन किया। डॉ. समुंद्र ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया। हरियाणा अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. एसएस चाहर ने आभार जताया।
इस दौरान प्रतिष्ठित शिक्षाविद डॉ. सीताराम व्यास, सीडीएलयू के पूर्व कुलपति प्रो. विजय कायत, चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनॉमिक चेंज के निदेशक प्रो. संदीप मलिक, प्रो. देशराज, प्रो. सुरेन्द्र कुमार, प्रो. राजीव कुमार, प्रो. सत्यवान बरोदा, प्रो. युद्धवीर सिंह, प्रो. नसीब सिंह गिल, प्रो. राजेश पूनिया, प्रो. संतोष नांदल, डॉ. सुदर्शन धींगड़ा, डॉ. एचएस यादव, डा. राजेश राणा, डॉ. रवि प्रभात, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. प्रोमिला रांगी, डॉ. निशा, डॉ. बिंदु अहलावत, डा. सज्जन दहिया, डा. मनमोहन, शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी और शहर के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।