बिजली के बढ़े रेट सरकार वापस ले, जीएसटी की चेकिंग बंद करें नहीं तो बजेगा संघर्ष का बिगुल: व्यापार मंडल
लुधियाना, 16 मई, 2023: पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की ओर से एक मीटिंग का आयोजन माता रानी चौक स्थित मुख्य कार्यालय में स्टेट जनरल सेक्टरी सुनील मेहरा की अध्यक्षता में किया गया।
मीटिंग को संबोधित करते पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के स्टेट जनरल सेक्टरी सुनील मेहरा और जिला लुधियाना के जनरल सेक्टरी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा यह पिछले 1.5 महीने में दूसरी बार बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है। पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने 40 पैसे प्रति यूनिट की दर से घरेलू और उद्योगिक इकाइयों के लिए बिजली की दरें बढ़ा दी गई है। वहीँ छोटी व मध्य इकाइयों के लिए यह दर 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ा दी है। बिजली की दरों के अलावा निश्चित लागत में भी बढ़ोतरी की गई है। छोटी इकाइयों के लिए यह 31 फीसदी से बढ़ कर 105 रुपये प्रति किलोवट की गई है। मध्य इकाइयों के लिए यह दर 17 फीसदी से बढ़ कर 140 रुपये प्रति किलोवाट की गई है। छोटी और बड़ी इकाइयों के लिए ये दर 10 से 16 फीसदी बढ़ा कर 185 रुपये से 345 रुपये प्रति किलोवाट की गई है । इसके साथ ही घरेलू दरें भी 42 फीसदी बढ़ाई गई हैं। निश्चित लागत व बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण व्यापार व उद्योग को सालाना 18000 करोड़ रुपए का बोझ झेलना पड़ेगा । जहाँ पहले से ही पंजाब का व्यापार व उद्योग मंदे की मार झेल रहा है और पंजाब के आर्थिक व कानूनी व्यवस्था भी खस्ता हालत है , पंजाब सरकार द्वारा बिजली की बढ़ी कीमतों का नतीजा केवल उद्योग और व्यापार को अंधकार की ओर ले जाएगा ।
पंजाब सरकार द्वारा पिछले सालों की पावर सब्सिडी के नाम पर 16000 करोड़ रुपये की देनदारी खड़ी है जिसमें से केवल 9000 करोड़ रुपये की देनदारी का वायदा सरकार ने पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड से 5 किश्तों में पूरा करने का निश्चय किया है, जो कि हर साल लगभग 1800 करोड़ रुपए तक होगा। बढ़ती बिजली की कीमतों पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा ये टिपण्णी करना कि 600 यूनिट तक मुफ्त बिजली रहेगी और उसका बोझ सरकार झेलेगी , इससे साफ साफ जाहिर होता है कि मान सरकार को पंजाब के व्यापार और उद्योग की चिंता से ज्यादा अपने वोट बैंक को खुश रखने की ज्यादा चिंता है । आज पंजाब जीएसटी की कलेक्शन में अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा से बहुत पीछे है । हरियाणा देश के 10 मुख्य राज्यों में से है जिसकी जी एस टी कलेक्शन सबसे अधिक है । वित्त वर्ष 2022-23 में हरियाणा का जी एस टी कलेक्शन 80000 करोड़ रुपये के आस पास का रहा है और वहीं पंजाब का लगभग 20000 करोड़ रुपये के आस पास , यानी कि हरियाणा पंजाब से 4 गुना ज्यादा कर वसूल रहा है । यहीं से पंजाब के उद्योग की खस्ता हालत का पता चलता है । पंजाब में 72 लाख घरेलू उपभोगता हैं और वहीं हरियाणा में 76 लाख घरेलू उपभोगता है। हरियाणा ने अपने बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की और आज पंजाब में घरेलू बिजली हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 4 रुपये प्रति यूनिट तक महंगी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का कहना है कि पंजाब में कोयले की समस्या अब नहीं है जब कि 1 लाख करोड़ रुपए बकाया खड़ा है । पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने इस साल की सब्सिडी 20200 करोड़ रुपये बताई है । पंजाब की खस्ता हालत में जहा बिजली की बढ़ती दरों का हाथ है वहीं जी एस टी विभाग द्वारा डोर टू डोर वेरिफिकेशन उद्योग व व्यापार की नींदें उड़ा रही है । उद्योगपति व व्यापारियों का कहना है कि जब वैट से जी एस टी में तब्दीली की गई थी तब सभी दस्तावेज की जांच हुई थी और अब जी एस टी विभाग बोगस बिलिंग को रोकने के लिए डोर टू डोर फिर सभी दस्तावेज की जांच करेगा । व्यापारियों का मानना है कि जहाँ यह कदम बोगस बिलिंग को रोकने के लिए उठाया है वहीँ दूसरी ओर यह कदम भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देने वाला है । हरियाणा और उत्तर प्रदेश में उद्यौगिक बिजली की दर 6 रुपये और 7 रुपये प्रति यूनिट है । वही पंजाब में यह दर कर मिला कर 8 रुपये प्रति यूनिट पहुंच जाता है । जो सरकार 5 रुपये प्रति यूनिट पर बिजली मुहैया कराने का वायदा करती है वही सरकार 2 महीने में 2 बार दर में बढ़ोतरी भी कर देती हैं ।
पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल ने 21 मई को लुधियाना में व्यापारियों की एक विशेष मीटिंग का आयोजन किया जा रहा है। इस मीटिंग में सरकार की ओर से बिजली के रेट में बढ़ोतरी और जी एस टी का डोर टू डोर जांच के खिलाफ रोष मीटिंग की जाएगी। साथ ही सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाया जाएगा ।