समाचार विश्लेषण/सरकारें विज्ञापनों के सहारे 

समाचार विश्लेषण/सरकारें विज्ञापनों के सहारे 
कमलेश भारतीय।

-*कमलेश भारतीय 
क्या सरकारें विज्ञापनों के सहारे चल रही हैं ? क्या यह सब इवेंट मैनेजमेंट बन रह गया है ? हर सड़क पर नेताओं के विज्ञापन ही विज्ञापन ! दिल्ली से लेकर दक्षिण तक ! कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ! करोड़ों रुपये फूंक कर तमाशा ! एक तमाशा मेरे आगे , सबके आगे ! इसी बात पर हरियाणा विधानसभा में विधायक भारत भूषण बतरा और गृहमंत्री अनिल विज में नोंक झोंक हो गयी ! हाइवे पर पोस्टर क्यों लगाये भारत जोड़ो यात्रा के ? जवाब-विज्ञापन या पोस्टर पर कोई पाॅलिसी बनाई है क्या सरकार ने ? पिल्लरों पर पोस्टर लगाने और हाइवे को अपने ही रंग में रंग डालने पर खूब तकरार ! सरकारी इमारतों को भी इसकी लपेट में लेने पर एतराज ! इससे शहरों की सुंदरता पर असर पड़ने की शिकायत ! फिर यह बात समझ से परे है कि हिसार के नगर निगम ने हमारा प्यार हिसार संस्था को नोटिस किस बात के लिये दिया था ? क्या दीवारें खूबसूरत बनाना मना है ? हिसार की यह सामाजिक संस्था पिछले कुछ सालों से शहर की दीवारों को पेंटिग कर खूबसूरत बनाने में लगी हुई है ! इसकी तारीफ जितनी की जाये कम है लेकिन फिर भी नोटिस कि आपने बिना सलाह के दीवारें रंग डालीं ! अच्छा काम करने पर भी कोई न कोई किन्तु परंतु ! किसलिये ? यह सोचना की बात है । 
चलिये हम हरकार पर आते हैं , विज्ञापन पर आते हैं और इस पर खर्च किये जा रहे फिजूलखरच पर आते हैं । क्यों यह सब किया जा रहा है ? आम जनता के लिये खजाने खाली । विकास की छोटी से छोटी योजना के लिए खजाने खाली लेकिन विज्ञापनों के लिये कौन सी क्लाॅज है ? दूसरे राज्यों में विज्ञापन क्यों ? यह परंपरा बढती जा रही है और एक दूसरे पर इल्जाम धरने का कोई फायदा नहीं ! सभी राजनीतिक दल इस हमाम में नंगे हैं ! ऐसे लगता है जैसे षरकार या तो विज्ञापन चलाते हैं या इवेंट मैनेजमेंट वाले ! राजनीतिक दलों के पास कोई विचार , कोई मुद्दा ही नहीं रहा या फिर चलाते हैं प्रशांत किशोर जैसे मैनेजमेंट गुरु ! यह इवेंट का ही कमाल था कि राजस्थान में महिलाओं की हथेलियों पर कमल की मेहंदी लगा दी और कमल खिला दिया ! यह मैनेजमेंट का ही कमाल था कि अच्छे दिन आयेंगे पर विश्वास दिला दिया ! ऐसे अनेक फंडे हैं और ये फंडे व्यावहारिक तौर पर फेल भी साबित हुए । तो कृपया विज्ञापबाजी बाद कीजिये और विकास पर वही पैसा खर्च कीजिए ! 
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।