जीएनडीयू,अमृतसर के हिंदी-विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन 

जीएनडीयू,अमृतसर के हिंदी-विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन 

अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिंदी-विभाग और गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'वित्तीय सशक्तिकरण ही समृद्धि का आधार' एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अपने स्वागत उद्बोधन में डीन,भाषा संकाय और हिंदी- विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सुनील कुमार ने विषय प्रवर्तन करते हुए संगोष्ठी के उद्देश्य और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर की शिक्षा व शोध सहित विभिन्न क्षेत्रों में हासिल उपलब्धियों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया तथा संगोष्ठी में उपस्थित विद्वानों का परिचय दिया। प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के यशस्वी उपकुलपति प्रोफ़ेसर (डॉ.) जसपाल सिंह संधू के कुशल नेतृत्व और प्रेरणा से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु इस प्रकार के कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता पद्मश्री हरमहेंद्र सिंह बेदी, चांसलर, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला ने की। मुख्य अतिथि डॉ. बी.पी. अशोक, आईपीएस (पुलिस अधीक्षक, लखनऊ) ने 'शिक्षा का आधुनिकीकरण और राष्ट्र निर्माण' विषय पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। मुख्य वक्ता श्री सूर्यकांत शर्मा (सीनियर कंसलटेंट, पूर्व डीजीएम, सेबी,भारत सरकार, नयी दिल्ली) ने  अपने आनलाइन वक्तव्य में वित्तीय जागरूकता के विभिन्न पहलूओं पर विस्तार से बात रखी। श्रीप्रकाश निमराजे (अध्यक्ष, गोपाल किरन समाज सेवी संस्था, ग्वालियर) ने अपने वक्तव्य में जीवन में निवेश के महत्व और माध्यमों पर चर्चा की‌। बांग्लादेश से शफीकुल आज़म भुइयां ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर आनलाइन जुड़कर अपना वक्तव्य दिया।जापान के टोक्यो से विशेष तौर पर पधारी श्रीमती रमा शर्मा ने बतौर अति विशिष्ट अतिथि हिंदी साहित्य के अद्यानूतन चिंतन बिंदुओं पर सारगर्भित वक्तव्य दिया। संगोष्ठी के  प्रारंभ में सभी को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई गयी और राष्ट्र ध्वज की पट्टियां प्रदान की गयी। शब्द गायन से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी। उद्घाटन सत्र में ही गुजरात से आए विशेष अतिथि प्रोफेसर दिवाकर 'दिनेश' गौड़ की पुस्तक 'गीतांगन' का लोकार्पण किया गया और डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती द्वारा एकल नाटक 'सत्ता' का मंचन भी किया गया। उक्त नाटक ब्रत्तोल्ट ब्रेखत,बाबा नागार्जुन , धर्मवीर भारती और सफदर हाशमी की रचनाओं पर आधारित है जिसमें सूर्य से पृथ्वी, पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, बंदर से मानव का विकास, कबीला से राजतंत्र और राजतंत्र से बाजारवाद एवं अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में अर्थ तंत्र प्रणाली में सत्ता के घिन्नोने खेल को उजागर किया गया है। पद्मश्री हरमहेंद्र सिंह बेदी ने साहित्य की सामाजिक प्रासंगिकता, पंजाब के हिंदी साहित्य और 'गुरु ग्रंथ साहिब' में सामाजिक- सांस्कृतिक चेतना पर विचार रखे और हिंदी-विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सुनील कुमार व हिंदी-विभाग की इस खूबसूरत आयोजन के लिए भूरी-भूरी प्रशंसा की।
संगोष्ठी के पहले तकनीकी सत्र में श्रीलंका से आई विशिष्ट अतिथि अथिला कोथलावल ने अपने महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक वक्तव्य दिए। इस सत्र में प्रतिभागियों द्वारा कई शोध प्रपत्र प्रस्तुत किए गये‌। आर.पी.सोनकर 'तल्ख महनाजपुरी' द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह 'जिंदगी अनुबंध है' पुस्तक का विमोचन किया गया और नशा विरोधी नाटक 'आवाज' का मंचन किया गया। इस नाटक में डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती, सुधांशु बाला साहु और सोनम स्मृति स्मिग्धा ने खूबसूरत अभिनय किया। दर्शकों ने नाटक की खूब सराहना की।लंच के बाद आयोजित संगोष्ठी के दूसरे तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न राज्यों से उपस्थित लगभग 40 शख्सियतों को तीन श्रेणियों -ज्ञान के क्षेत्र में 'डॉ. अंबेडकर ग्लोबल डायमंड अवार्ड', साहित्य के क्षेत्र में 'ग्लोबल डायमंड साहित्य  अवार्ड और समाज सेवा, मीडिया तथा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लाए 'ग्लोबल डायमंड डिग्निटी अचीवर अवार्ड' से सर्टिफिकेट व शील्ड आदि देकर सम्मानित किया गया। अवार्ड प्राप्त करने वालों में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर पद्मश्री हरमहेंद्र सिंह बेदी, डी.आर.माडर्न स्कूल, अमृतसर के प्रिंसीपल रविंदर पठानिया, दैनिक जागरण, अमृतसर के चीफ रिपोर्टर विपिन कुमार राणा, स्थायी लोक अदालत (पीयूएस) के चेयरमैन नरेश मोदगिल सहित देश के अनेक राज्यों से उपस्थित प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।इस सत्र में डॉ. सुधांशु कुमार चक्रवर्ती की पुस्तक 'राजनीति शाला' और 'ज्ञान-विज्ञान की पाठशाला', पुस्तकों का विमोचन किया गया तथा प्रतिभागियों द्वारा अपने शोध प्रपत्र पढ़े गये। कार्यक्रम के अंत में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह के संयोजक एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर सुनील ने भरपूर सहयोग के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार जताते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन बबीता जवेरी,असम  ने किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग के अध्यापकों डॉ. सपना शर्मा, डॉ. लवलीन कौर और श्रीमती पिंकी शर्मा सहित विभाग के शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।