समाचार विश्लेषण/चुनावों के बाद महंगाई का विकास?
-*कमलेश भारतीय
पांच राज्यों के चुनावों के चलते रसोई गैस और पैट्रोल डीजल के रेट एक सौ दिन से ऊपर बिल्कुल स्थिर रहे । जैसे ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए और भाजपा को चार राज्यों में सफलता मिली कि इन सब चीजों के साथ महंगाई का विकास भी हो गया । रसोई गैस सबसे ज्यादा पचास रुपये तक उछली और पेट्रोल डीजल के दाम भी पीछे न रहे । इस तरह सबका साथ मिला और सबका विकास करने में देर नहीं लगाई भाजपा ने । तुरंत हाथ के हाथ आम जनता को तोहफा दे दिया साथ देने का । पहले केंद्रीय कर्मचारियों को भी तोहफा मिल चुका है । आगे आगे देखिये किस किस को तोहफे मिलते हैं ?
वैसे अभी गुजरात व एक अन्य राज्यों में चुनाव आने वाले हैं पर हम देशभक्त लोग इन छोटी छोटी बढ़ती कीमतों की ओर ध्यान नही देते । हमें देश का विकास करना है और छोटी मोटी बातों को अनदेखा करते रहना है । नहीं तो देश कैसे विकास करेगा और बदलेगा कैसे ? फिर ये सारी चीजें अपने यहां तो बनती नहीं । जहां से आती हैं वहीं के दाम लगते हैं । इसमें किस बात की आलोचना ? कब तक सब्र करती केंद्र सरकार ? आखिर एक सौ दिन से ऊपर चुप रही , यह क्या कम है ? अब संसद में विपक्ष हंगामा करता रहे तो करता रहे । क्या कर सकते हैं ? विपक्ष का काम है हंगामा करना । यदि इकट्ठे होकर चुनाव लड़े होते तो ये नौबत ही क्यों आती ? इकट्ठे तो हुए नहीं । इंदिरा गांधी के कहे अनुसार संगतरे जैसे रहे ऊपर से एक और अंदर से अलग अलग । सभी विपक्षी दल ऐसे ही बिखरे रहे तो सन् 2024 में भी मुश्किल हो जायेगी केंद्र से भाजपा को हटाने में । तृणमूल कांग्रेस और ओवैसी के कदम भाजपा को ही फायदा पहुंचा गये । वोट कटवा पार्टियां बन कर रह गयीं । चाहे उत्तराखंड हो या गोवा । दोनों में कांग्रेस को हराने में इन दलों का भी योगदान कम नहीं माना जा सकता । शुक्र है पंजाब में तथाकथित बाबा का संदेश काम नहीं कर पाया नहीं तो कांग्रेस यहां भी पूरी तरह साफ हो गयी होती । हालाकि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा। इससे ज्यादा और सजा जनता क्या दे सकती है ? अब कांग्रेस को फिक्र सताई है और हाईकमान भी जी 23 नेताओं को समय देने लगी है , सुनवाई करने लगी है । भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर गुलाम नबी आजाद, आनंद सिंह और मनीष तिवारी तक सब पहुंच गये हाईकमान के दरबार । संवाद शुरू हुआ है और आने वाले दिनों में कांग्रेस में बदलाव की उम्मीद लगाई जा रही है ।
इसी बीच आज शहीद भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव का शहीदी दिवस है और श्रद्धांजलि अर्पित करने का , याद करने का दिन है । नमन् । भारत मां के इन सपूतों को ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।