गुजवि को अपशिष्ट कागज पुनर्चक्रण में पर्यावरण के अनुकूल एवं कुशल डिंकिंग विधि के लिए मिला नया पेटेंट
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विवि के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की प्रो. नमिता सिंह तथा उनके दो शोधार्थियों को 'अपशिष्ट कागज के पुनर्चक्रण के दौरान डिंकिंग के लिए एक नवीन और कुशल विधि' नाम से पेटेंट मिला है। प्रो. नमिता सिंह व उनकी टीम को ये पेटेंट 20 वर्षों के लिए प्रदान किया गया है। ये पेटेंट पुनर्चक्रण उद्योग (रिसाइक्लिंग इंडस्ट्री) तथा परिपत्र अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकोनॉमी) क्षेत्र के लिए विशेष उपयोगी है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस पेटेंट को विवि के लिए गौरवपूर्ण बताते हुए प्रो. नमिता सिंह व उनकी टीम के शोधार्थियों डॉ. अनीता देवी व डॉ. रजनीश जरयाल को बधाई दी है। प्रो. नमिता सिंह व उनकी माइक्रोबियल बायोटेक्नोलॉजी लैब के शोधार्थियों ने पेटेंट प्रमाण पत्र की कॉपी कुलपति को प्रस्तुत की। इस शोध के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा समर्थित किया गया था और इसे आधिकारिक तौर पर पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता दी गई है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि आने वाले वर्षों में ये पेटेंट महत्वपूर्ण पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ उत्पन्न करने अत्यंत सहायक होगा। इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलेगी। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने भी प्रो. नमिता सिंह व उनकी टीम को इस पेटेंट के मिलने पर लिए बधाई दी।
आविष्कारक प्रो. नमिता सिंह, डॉ. अनीता देवी और डॉ. रजनीश जरयाल का मानना है कि उनका नवाचार रीसाइक्लिंग उद्योग में एक नया मानदंड स्थापित करेगा, जो पर्यावरण संरक्षण और संसाधन स्थिरता में वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस सफलता का रीसाइक्लिंग उद्योग और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वैश्विक प्रयासों दोनों पर दूरगामी प्रभाव पड़ने वाला है।
प्रो. नमिता सिंह ने बताया कि पेटेंट की गई विधि कागज पुनर्चक्रण के सबसे चुनौतीपूर्ण पहलुओं में से एक को संबोधित करती है - पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना इस्तेमाल किए गए कागज से स्याही निकालना। पारंपरिक डिंकिंग विधियां अक्सर कठोर रसायनों पर निर्भर करती हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक हो सकते हैं। लेकिन यह नया दृष्टिकोण ऐसे पदार्थों की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे यह वास्तव में हरित तकनीक बन जाती है।
पेटेंट की मुख्य विशेषताएं :
यह विधि अपशिष्ट कागज से अवशिष्ट स्याही को हटाने में महत्वपूर्ण रूप से सुधार करती है, जिसके परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता वाला पुनर्चक्रित कागज प्राप्त होता है। यह पुनर्चक्रण प्रक्रिया की लागत को कम करता है। हानिकारक रसायनों के उपयोग को कम करके, ये विधि कागज पुनर्चक्रण के पर्यावरणीय प्रभाव को बहुत कम करती है।