दोआबा कॉलेज में ज्ञान गंगा आरम्भ
जालन्धर, 7 मार्च, 2022: दोआबा कॉलेज के डीबीटी स्पोंसर्ड साईंस में इनोवेशन एवं आत्म निर्भर भारत की थीम पर अधारित ज्ञान गंगा समागम का जालन्धर जिले के स्कूल के विद्यार्थियों के लिए आयोजन किया गया जिसमें श्री अलोक सोंधी- महासचिव, दोआबा कॉलेज मैनेजिंग कमेटी, जालन्धर बतौर मुख्य मेहमान, डा. पी.के. सहजपाल- कंसलटैंट, डॉयो बॉयोटेकनोलॉजीस सिंगापुर, हरिंदरपाल सिंह, डीईओ, राजीव जोशी-डिप्टी डीईओ बतौर विशेष मेहमान उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. के.के. यादव-संयोजक, डा. राजीव खोसला- ओरगेनाईजिंग सक्रेटेरी और प्राध्यापकों ने किया। समारोह का शुभारम्भ ज्योति प्रजवलन की रस्म एवं दोआबा जयगाण से हुआ।
इस अवसर पर विभिन्न ईवेंटस को चार भागों में बांटा गया था जिसमें विज्ञान गंगा, टैक गंगा, संचार गंगा एवं अमृत गंगा जिसमें पहले दिन इनक्यिू ज़िटिव बज़, विज्ञान स्कैच पैड- पोस्टर एवं रंगोली, विज्ञान जॉम, विज्ञान गुरू, आईडिया फैक्टरी- आंत्रप्रिनियोरशिप पोटेंशियल, वेस्ट टू वेल्थ, विज्ञान डिज़ी कोलाज़, विज्ञान शोध, विज्ञान इन फोक्स- फोटोग्राफी, विज्ञान मोजो, मसाला लैब, फलावर डैकोरेशन, कोविड अवेयरनेस कैंपेन प्रमुख रहे। इस मौके पर ओपन एयर थैटर कॉलेज के विभिन्न विभागों के मनोरम ज्ञानवर्धक स्टॉलस भी लगाए गए इस समागम में जालन्धर जिले के विभिन्न स्कूलों के 900 विद्यार्थियों ने भाग लिया। श्री अलोक सोंधी ने उपस्थिती को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों को अपने भीतर जिज्ञासा की भावना का संचार करने के लिए प्रेरित किया जिससे कि वह अपने जीवन में सीखने एवं ज्ञान प्राप्त करने के लक्ष्य को सटीकता से साध सकते हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान हमारे रोज़मर्रा जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसीलिए हमें अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि विज्ञान को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाते हुए सभी विद्यार्थियों को अपने जीवन को निखार कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए सदैव जागरूक रहना चाहिए। डा. राजीव खोसला ने कहा कि विज्ञान के बलबूते पर ही भारत में समय रहते कोवैक्सीन एवं कोवीशील्ड जैसी वैक्सीनस बना कर जनमानस के जीवन की रक्षा करने में एहम भूमिका निभाई है। डा. पी.के. सहजपाल ने विद्यार्थियों को अपने प्राध्यापकों से सही सीख एवं प्रेरणा लेकर सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने पर बल दिया।
पहले दिन समारोह के अंत में डा. गरिमा गुप्ता- साईंटिस्ट, मिनिस्ट्री ऑफ साईंस टैक्नोलॉजी, भारत सरकार ने उपस्थिति को मल्टी डिसिपलनरी अपरोच की महत्ता के बारे में बताया