हरियाणा विधानसभा : कुछ खट्टी, कुछ मीठी 

हरियाणा विधानसभा : कुछ खट्टी, कुछ मीठी 

-*कमलेश भारतीय
हरियाणा विधानसभा का एक दिवसीय शपथ ग्रहण समारोह  संपन्न हो गया, कुछ खट्टी, कुछ मीठी बातों और यादों के साथ । पक्ष और विपक्ष का यह खट्टा मीठा सफर पूरे पांच साल तक चलने वाला है । पहले सत्र में तो नये चुने गये विधायकों को शपथ दिलाने का ही मुख्य काम था, फिर भी वो पक्ष और विपक्ष ही क्या, जो आपस में उलझे नहीं ? तो उलझे, इस बात पर कि डाॅ रघुवीर कादयान को एक्टिंग नहीं, प्रोटेम स्पीकर बनाओ, तभी शपथ ग्रहण करेंगे । इस बहस में दस पंद्रह मिनट निकल गये और आखिर प्रोटेम स्पीकर बनाये गये डाॅ रघुवीर कादयान! लगातार तीसरी बार प्रोटेम स्पीकर बने । हालांकि मंत्री रणबीर गंगवा ने चुटकी ली कि सन् 2029 में यह भूल सुधार ली जायेगी ।  फिर हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत ही नहीं पंजाबी में विधायको़ं ने अपनी अपनी खुशी के मुताबिक शपथ ग्रहण कर ली । अभी यह मामला हुए ज्यादा देर नहीं हुई थी कि जब हरविंद्र कल्याण को अध्यक्ष चुना गया तो विपक्ष के किसी नेता को उन्हें कुर्सी तक छोड़ने में साथ नहीं लिया । इस पर जब विपक्ष ने एतराज जताया तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहुंचे और समय रहते भूल‌ सुधार ली । फिर तो उपाध्यक्ष डॉ कृष्ण मिड्ढा को पहुंचाने में पहले ही हुड्डा को विपक्ष के नाते साथ ले लिया । यह दृश्य महाभारत के दृश्यों की याद दिलाता है कि विरोधी और‌ विपक्षी योद्धा का भी सम्मान करते रहिये । महाभारत के दृश्यों में बड़े व उम्रदराज  विपक्षी के चरणों में पहला तीर डालने के बाद ही असली युद्ध शुरू होता है, यहां भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हुड्डा को झुककर नमस्कार किया और अब अगले सत्रों में असली वाक्युद्ध देखने सुनने को मिलेगा । वैसे सदन में यह कहा गया कि स्पीकर खुद कुछ नहीं बोलता लेकिन पक्ष व विपक्ष को सदन में बोलने का पूरा मौका देता है, बिना किसी भेदभाव के । ये तो आने वाले सत्र बतायेंगे कि कैसा स्पीकर का व्यवहार होगा । अभी तो कोई शेर ओ शायरी भी नहीं हुई, अब न दुष्यंत चौटाला रहे सदन में, न ही चाचा अभय चौटाला । चाचा भतीजे की नोंक झोंक देखने को हरियाणा के लोग तरस जायेंगे, पूरे पांच बरस तक ! वैसे डाॅ रघुवीर कादयान ने भाजपा विधायक रामकुमार गौतम को जरूर छेड़ दिया कि तीन तीन बार विधायक बन गये लेकिन आपका सूखा खत्म नहीं हुआ यानी झंडी वाली गाड़ी फिर भी न मिली । इस बार विधानसभा में किरण चौधरी की बजाय बेटी श्रुति चौधरी दिखेंगीं और आरती राव भी पापा इंद्रजीत की कमी पूरी करेगी । चौटाला परिवार से दो नये सदस्य आ गये हैं । चौ भजनलाल के परिवार का कोई सदस्य नहीं है इस बार, जो संकेत है कि हरियाणा से लालों की राजनीति की विदाई हो रही है । चलिये! नयी विधानसभा की नयी झलकियां अगले सत्रों में देखेंगे । दुष्यंत कुमार कह गये हैं :
आपके कालीन देखेंगे किसी दिन
इस, समय तो पांव कीचड़ में सने हैं!! 

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।