दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रति माह आर्थिक सहायता देने वाला हरियाणा पहला राज्यः आयुक्त राजकुमार मक्कड़
राज्य में साढ़े 18 हजार दिव्यांग विद्यार्थियों को दी जा रही है सहायता
रोहतक, गिरीश सैनी। हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त राज कुमार मक्कड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए गए हैं। सरकार दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मक्कड़ शनिवार को महम स्थित पंजाबी धर्मशाला में आयोजित दिव्यांगजन जागरूकता शिविर एवं खुला दरबार कार्यक्रम में उपस्थित दिव्यांगजनों व उनके अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे।
राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार पहली ऐसी राज्य सरकार है, जो प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को 2150 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में ऐसे साढ़े 18 हजार विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सहायता राशि सीधे पात्र विद्यार्थी के बैंक खाते में जाती है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्पेशल एजुकेटर नियुक्त किए गए हैं। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के दिव्यांगजनों को सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाया जा रहा है। दुर्घटना की स्थिति में भी आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों की भर्तियों व पदोन्नति में भी आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।
मक्कड़ ने कहा कि 5 वर्ष से छोटे गूंगे-बहरे बच्चों की कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के लिए सरकार द्वारा 20 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने पूरी तरह से अपना खजाना खोल रखा है। हरियाणा दिव्यांगजन आयुक्त ने कहा कि दिव्यांगजनों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए मोदी सरकार ने कानून लागू किया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के अधिकारों पर डाका डालने वालों के खिलाफ सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता का झूठा सर्टिफिकेट बनवाने पर 11 हजार लोगों की पेंशन काटी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति दिव्यांगजनों के खिलाफ असंवैधानिक शब्दों अथवा भाषा का इस्तेमाल करता है, तो कानून के तहत दोषी को 5 साल तक की सजा अथवा 5 लख रुपए तक का जुर्माना या दोनों सजा साथ-साथ हो सकती है।
आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि अधिनियम के तहत दिव्यांग जनों को सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा का अधिकार है। इसके अलावा कॉलेज स्तर की विभिन्न संस्थाओं में पढ़ने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों की फीस का वहन भी सरकार द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्वरोजगार के लिए दिव्यांगजनों को 50 लाख रुपए तक का लोन देने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही रोहतक में शिविर आयोजित करके दिव्यांगजनों के सर्टिफिकेट बनाए जाएंगे।
इस मौके पर राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगडा ने कहा कि निशक्त लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई अन्य पुण्य का कार्य नहीं हो सकता। महम के एसडीएम दलबीर फोगाट ने कहा कि इस शिविर में एक स्थान पर दिव्यांगजनों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं व सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। सरकारी विभागों के काउंटर लगाए गए हैं। फैमिली आईडी में दिव्यांगजनों की एंट्री का कार्य भी किया गया है।
इस अवसर पर महम के एसडीएम दलबीर फोगाट, भाजपा नेता शमशेर खरकड़ा, महंत सतीश दास, सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला, नायब तहसीलदार दीपक, नगर पालिका सचिव नवीन नांदल, जिला रेडक्रॉस सचिव देवेंद्र चहल, सर्व शिक्षा अभियान की जिला समन्वयक आशा दहिया, खंड शिक्षा अधिकारी सरिता खनगवाल, सहित अन्य मौजूद रहे।