हरियाण की माटी से: मोहब्बत की दुकान का क्या होगा ?
-*कमलेश भारतीय
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में प्रवेश करते ही मोहब्बत की दुकान की चर्चा यह कहकर शुरू की थी कि मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकला हूं । राहुल यह भी जान गये थे कि मीडिया अब स्वतंत्र नहीं रहा बल्कि गोदी मीडिया बन चुका है और ऊपर से भाजपा का आईटी प्रकोष्ठ उन्हें पिछले कुछ वर्षों से लगातार पप्पू के रूप में पेश करता आ रहा था । इससे भारत जोड़ो यात्रा ही सबसे सही जवाब रहा और राहुल गाधी ने कहा भी कि भाजपा ने करोड़ों करोड़ों रुपये उनकी छवि धूमिल करने पर खर्च कर दिये लेकिन मैंने इस भारत जोड़ो यात्रा से सब बर्बाद कर दिया क्योंकि लोगों से मैं रूबरू हुआ जिससे वे मेरी छवि के बारे में नये फिर से सोचने लगे । वैसे इस भारत जोड़ो यात्रा के बाद हिमाचल और कर्नाटक मे हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की सरकारें बन गयीं तो यह भी लगने लगा कि कहीं न कहीं यह मोहब्बत की दुकान चल निकली है ।
अब हरियाणा , राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव आने वाले हैं और भाजपा को मोहब्बत की दुकान का डर सताने लगा है । इसका उदाहरण हरियाणा में भाजपा के प्रचार पर आये रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बयान है जो उन्होंने यमुनानगर के निकट जगाधरी की जनसभा में दिया है । उनका कहना है कि हरियाणा में नहीं चलेगी राहुल की मोहब्बत की दुकान ! देखा जाये तो इस तरह से खुद ही भाजपा नेता ने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की याद दिला दी । राजनाथ सिंह का कहना है कि राहुल विदेश में जाकर भारत के विरूद्ध नफरत फैलाते हैं । दुष्प्रचार करते हैं । राजनाथ सिंह यमुनानगर के जगाधरी में गौरवशाली भारत रैली को संबोधित कर रहे थे । राजनाथ सिंह ने भाजपा सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करते कहा कि किसान को खाद पर जितनी सब्सिडी भाजपा सरकार ने दी है उतनी शायद कोई दूसरी सरकार नहीं दे पायेगी !
यदि यह बात सही है तो फिर हरियाणा के लघु सचिवालयों के सामने किसान आंदोलन पर क्यों हैं ? आप शायद नहीं जानते कि सन् 2020 से किसानों को अपनी खराब फसलों के मुआवजे से वंचित रखा गया है और शाहाबाद /कुरूक्षेत्र में सूरजमुखी पर एम एस पी की मांग करने पर किसानों पर लाठीचार्ज किया गया ! क्या किसान की मांगों पर ध्यान देगी भाजपा ? यदि किसानों की इतनी चिंता थी तो फिर उन्हें एक साल तक आंदोलन क्यों करने के लिये मजबूर होना पड़ा ?
इसी तरह यह हरियाणा ही है जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ का बहुत ही भावुक नारा दिया था । क्या बेटी को बचाने में सरकार उचित कदम उठा रही है ? स्कूलों को कम किया जा रहा है और लड़कियों को अब दूर जाकर शिक्षा ग्रहण करनी होगी ! मंडी आदमपुर के उपचुनाव में खैरमपुर गांव की छात्रा पूजा सुथार ने खूब पोल खोली थी स्कूलों की ! क्या वह अनसुनी रहेगी ! फिर चाहे वर्णिका कुंडू कांड हो या फिर महिला कोच का खेलमंत्री पर यौन उत्पीड़न का मामला सरकार ने बेटी को बचाने की नहीं तब अध्यक्ष के बेटे को और अब मंत्री को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी ! महिला कोच तो दृश्य से गायब ही हो गयी और स्कूलों की संख्या कम होती जा रही है तो बेटी को दूरदराज पढ़ायेंगे कैसे अभिभावक ? ऊपर से बसें भी नहीं जिनके लिये जब तब छात्राएं व अभिभावक आंदोलन चलाते रहते हैं !
अब मोहब्बत की दुकान हरियाणा में खुलने का डर सताने लगा है । हरियाणा में जो मूड है जनता का उसे देखते हुए भाजपा अपनी रणनीति बनाने में जुट गयी है । दस के दस लोकसभा क्षेत्रों में गौरवशाली भारत रैलियां आयोजित की जा रही हैं ! अब देखिये ये रैलियां क्या रंग दिखाती हैं !
दुष्यंत कुमार के शब्दों में :
मै जिसे ओढ़ता बिछाता हूं
वो गजल आपको सुनाता हूँ !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।