दिव्यांग व्यक्तियों का स्वास्थ्य और कल्याण केवल चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीः डा. शरणजीत कौर

एमडीयू में एक दिवसीय कंटीन्यूइंग रिहैबिलिटेशन एजुकेशन प्रोग्राम आयोजित।

दिव्यांग व्यक्तियों का स्वास्थ्य और कल्याण केवल चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीः डा. शरणजीत कौर

रोहतक, गिरीश सैनी। दिव्यांग व्यक्तियों का स्वास्थ्य और कल्याण केवल चिकित्सा सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके संपूर्ण जीवन स्तर को सुधारने का विषय है। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान, सामाजिक समावेशन, शिक्षा और रोजगार के अवसर दिव्यांगों को देकर एक समावेशी और सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है। ये उद्गार भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्षा डा. शरणजीत कौर ने एमडीयू में सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज (सीडीएस) द्वारा - हेल्थ एंड वेल बीइंग ऑफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटी: इश्यूज एंड इंटरवेंशन स्ट्रेटेजीज विषय पर आयोजित एक दिवसीय कंटीन्यूइंग रिहैबिलिटेशन एजुकेशन (सीआरई) प्रोग्राम का बतौर मुख्यातिथि शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए।

डा. शरणजीत कौर ने दिव्यांगता से संबंधित स्वास्थ्य चुनौतियों और उनके समाधान के बारे में चर्चा की। उन्होंने प्रोफेशनल बनने, कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करने और जॉब के अनुरूप अपनी स्किल्स डेवलप करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर भी विभिन्न भाषाओं में दक्षता प्राप्त करें। उन्होंने प्रतिभागियों से ईमानदारी और निष्ठा के साथ सीआरई प्रोग्राम में भाग लेने की बात कही।

कुलपति के सलाहकार प्रो. ए.के. राजन ने अध्यक्षीय संबोधन में दिव्यांगों के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं को अपने संबोधन में रेखांकित किया। उन्होंने दिव्यांगों  के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए एनेबल लर्निंग एनवायरमेंट उपलब्ध करवाने तथा यूनिवर्सल डिजाइन लर्निंग की जरूरत पर बल देने की बात कही। विशिष्ट अतिथि सिरतार, रोहतक के निदेशक डॉ. ए. डी. पासवान ने कहा कि हेल्थ ही रियल वेल्थ है। जीवन में सकारात्मक सोच बनाए रखने की बात उन्होंने कही।

सीडीएस की इंचार्ज प्रो. प्रतिमा ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। सीडीएस चीफ कंसल्टेंट प्रो. राधेश्याम ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सीडीएस उप निदेशक डॉ. कपिल मल्होत्रा ने मंच संचालन किया और अंत में आभार जताया। इस दौरान विधि विभाग के प्रोफेसर डा. योगेंद्र सिंह, मनोविज्ञान विभाग की सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. सोनिया मलिक, पीआरओ पंकज नैन, सुनील कुमार सहित सीडीएस के प्राध्यापक, इंस्ट्रक्टर, विद्यार्थी और प्रतिभागी मौजूद रहे।

 

इस एक दिवसीय सीआरई प्रोग्राम में छह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। प्रथम व दूसरे सत्र में सीडीएस चीफ कंसल्टेंट प्रो. राधेश्याम ने मेंटल हेल्थ: कांसेप्ट और हेल्थ एंड वेल बीइंग ऑफ पीडब्ल्यूडी: इश्यूज एंड चैलेंजस विषय पर अपनी बात रखी। तीसरे सत्र में मनोविज्ञान विभाग की सेवानिवृत प्रोफेसर सोनिया मलिक ने हेल्थ एंड वेल बीइंग ऑफ केयर गिवर्स ऑफ पीडब्ल्यूडी विषय पर व्याख्यान दिया। चौथे सत्र में स्वास्थ्य विज्ञान विवि, रोहतक के साइकाइट्री विभाग की डा. पूनम गुप्ता ने पर्सन विद डिसेबिलिटी: इंसेंटिव्स एंड कंसेशंस प्रोवाइडेड बाय गवर्नमेंट फॉर अपलिफ्टिंग देयर लाइफ विषय पर व्याख्यान दिया। पांचवें सत्र में स्वास्थ्य विज्ञान विवि, रोहतक के साइकाइट्री विभाग के डा. जोगेन्द्र कैरो ने- इंटैलैक्युअल डिसेबिलिटी एंड रिलेटेड प्रॉब्लम्स एंड देयर मैनेजमेंट विषय पर तथा छठे सत्र में सिरतार, रोहतक के निदेशक डा. ए.डी. पासवान ने हेल्थ एंड वेल बीइंग ऑफ पीडब्ल्यूडी: सम प्रमोशनल स्ट्रेटेजीज विषय पर व्याख्यान दिया।