आज के चुनौतीपूर्ण समय में स्वास्थ्य चेतना बहुत जरूरी हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

आज के चुनौतीपूर्ण समय में स्वास्थ्य चेतना बहुत जरूरी हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह

रोहतक, गिरीश सैनी। शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का विशेष महत्व है। आज के चुनौतीपूर्ण समय में स्वास्थ्य चेतना बहुत जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य के परिप्रेक्ष्य में ध्यान का विशेष महत्व है। जरूरत है कि प्राध्यापक ध्यान, चेतना, जागृति के लिए भी प्रयास करें। ये आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने बुधवार को फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर में- चेतना आधारित शिक्षा विषयक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए।

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक दिन शारीरिक स्वास्थ्य वर्धन के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य क्षमता वर्धन के लिए प्रयास करना चाहिए। तनाव तथा अवसाद दूर करने में ध्यान प्रक्रिया से जुडऩा लाभदायक है। एमडीयू प्राध्यापकों को मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाने का परामर्श कुलपति ने दिया।

महर्षि अंतरराष्ट्रीय वैदिक विवि के प्रो. एशले डीन्स ने चेतना आधारित शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ध्यान तथा एकाग्रता विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक रूप से बहुत लाभदायक है। उन्होंने चैतन्य जागृति की प्रक्रिया बारे प्रकाश डाला। डॉ. एशले डीन्स ने ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन की अवधारणा तथा प्रक्रिया बारे विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीचर्स बर्नआउट के प्रबंधन में ये ध्यान प्रक्रिया लाभदायक है।

बुधवार के सत्र में प्रतिभागी प्राध्यापकों को ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन करवाई गई। महर्षि अंतरराष्ट्रीय वैदिक विवि टीम से एलमट रोडेर, डेनियल स्वैनसन, विवेक वैद्यनाथन ने कार्यशाला में योगदान दिया। निदेशक फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर प्रो. संदीप मलिक तथा उप निदेशक डॉ. माधुरी हुड्डा ने कार्यशाला संयोजन किया। मंच संचालन डॉ. रेखा ढींगड़ा ने किया। यह कार्यशाला 16 सितंबर तक आयोजित की जाएगी।