समाचार विश्लेषण/हिमाचल: आखिर हाईकमान को सुख की सांस
-*कमलेश भारतीय
हिमाचल में जनता ने कांग्रेस की सत्ता में जोरदार वापसी का रास्ता तैयार किया और पूर्ण बहुमत प्रदान किया । इसके बावजूद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के अंदर घमासान मचा पूरे दो दिन । हरियाणा से पर्यवेक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और यहां तक कि राजीव शुक्ला सभी दौड़े हिमाचल की ओर कि कहीं आप्रेशन लोट्स न चल जाये ! प्रियंका गांधी ने हिमाचल में कांग्रेस के सत्ता में लाने में अहम् भूमिका निभाई । इसके बावजूद जीत के बाद प्रतिभा सिंह , सुखविंद्र सुक्खु और पत्रकार रहे व पांच साल प्रतिपक्ष नेता की जिम्मेदारी निभाने वाले मुकेश अग्निहोत्री मुख्यमंत्री दौड़ में शामिल रहे । विधायक दल की बैठक में फैसला न होना था और न हुआ । आखिर फैसला हाईकमान पर छोड़ा गया । कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खु के नाम पर मोहर लगा दी । इसके बावजूद प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की जिससे कांग्रेस की जीत का उत्साह ठंडा पड़ता नजर आया । हाईकमान के माथे पर भी बल पड़ गये , प्रतिभा सिंह का यह रूप देखकर !
कांग्रेस की गुटबाजी को समय पर काबू करने के लिए तीनों नेताओं ने जोर लगा दिया और आखिर सुक्खु के हाथ सफलता लगी और हिमाचल के मुख्यमंत्री का ताज मिला जबकि प्रतिभा सिंह गुट से मुकेश अग्निहोत्री को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई और प्रतिभा के बेटे विक्रमादित्य को अहम विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है । इस तरह कांग्रेस हाईकमान ने सुख का सांस लिया , गंगा नहा ली ! यह भी चर्चा में है कि शांता कुमार के बाद मुकेश अग्निहोत्री ऐसे नेता हैं जो ब्राह्मण समाज से उपमुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं । जैसे पंजाब में कामरेड रामकिशन के बाद फिर कोई हिन्दु समाज से मुख्यमंत्री नहीं बना । सुनील जाखड़ बनते बनते रह गये थे क्योंकि अंबिका सोनी ने सलाह दी थी कि यह नही चलेगा पंजाब में ! इस पर विरोध करते सुनील भाजपा में चले गये !
कांग्रेस को अभी चौकन्ना रहना पड़ेगा क्योंकि भाजपा जल्दी से इस हार को पचा नही पायेगी और न भाजपा शांत होकर बैठने वाली है । नये मुख्यमंत्री सुकखु को हर कदम फूंक फूंक कर उठाना होगा और सहमति व धैर्य से ही सरकार चलानी होगी , तभी पांच वर्ष का कार्यकाल संपन्न कर पायेंगे !
सुक्खु के शपथ ग्रहण समारोह में प्रियंका गांधी भी मौजूद रहेंगीं और यह उनकी ही सफलता मानी जा रही है ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।