उद्भट विद्वान प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय की पुण्य स्मृति में जीएनडीयू के हिन्दी-विभाग द्वारा काव्य-गोष्ठी का आयोजन
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिन्दी-विभाग द्वारा ख्यातिलब्ध आलोचक एवं मूल्यधर्मी साहित्यकार प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय जी की पुण्य स्मृति में आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय के सर्जनात्मक अवदान और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि वे प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय आजीवन भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों से जुड़े रहे। उन्होंने प्रोफेसर पांडेय के साहित्यिक अवदान पर शीघ्र एक पत्रिका के विशेषांक और स्मृति-ग्रंथ के प्रकाशन की योजना सामने रखी।
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के हिन्दी-विभाग द्वारा ख्यातिलब्ध आलोचक एवं मूल्यधर्मी साहित्यकार प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय जी की पुण्य स्मृति में आनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार ने प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय के सर्जनात्मक अवदान और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि वे प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय आजीवन भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों से जुड़े रहे। उन्होंने प्रोफेसर पांडेय के साहित्यिक अवदान पर शीघ्र एक पत्रिका के विशेषांक और स्मृति-ग्रंथ के प्रकाशन की योजना सामने रखी।
इस साल का प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय स्मृति सम्मान हिन्दी जगत की नामचीन शख्सियत और हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलपति पद्मश्री प्रोफेसर हरमहेंद्र सिंह बेदी को प्रदान किए जाने की विधिवत घोषणा भी कार्यक्रम में की गयी। आगामी दिनों में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग द्वारा प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय पर केंद्रित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रोफेसर हरमहेंद्र सिंह बेदी को उक्त अलंकरण से विभूषित किया जाएगा।
रोहतक से डॉ. अंजू शर्मा ने खूबसूरत काव्य-गोष्ठी के आयोजन के लिए आयोजकों का आभार जताया और कहा कि प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय सदैव हमारे दिलो-दिमाग में रहेंगे तथा हम उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेकर आगे बढ़ें। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी से प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप ने प्रोफेसर रामसजन पांडेय का पुण्य स्मरण करते हुए उन्हें हिन्दी जगत का उद्भट विद्वान और रूहानी शख्सियत बताया।
आमंत्रित कवियों में काशी से प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप, पटना से श्वेता ग़ज़ल, लखनऊ से राजेन्द्र वर्मा, नयी दिल्ली से विजय स्वर्णकार, भिवानी से डॉ. मनोज भारत और हिसार से प्रख्यात साहित्यकार राधेश्याम शुक्ल ने अपनी कविताओं, ग़ज़लों, रूपकों और मुक्तकों के माध्यम से शमां बांधते हुए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का बेहद खूबसूरत संचालन जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. विनय कुमार शुक्ल ने किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. मनोज भारत ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय की स्मृति में निरंतर ऐसे आयोजनों की आवश्यक पर बल दिया।
इस अवसर पर प्रोफेसर रामसजन पाण्डेय के परिजनों डॉ. अंजू शर्मा, डॉ. पारिजात पांडेय, डॉ. पायल सहित बड़ी संख्या में देश भर से प्रतिभागी उपस्थित रहे।