लघुकथा/कुर्सी

लघुकथा/कुर्सी

-कमलेश भारतीय
प्रेस क्लब ने मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया ।  पुलिस तैनात हो गयी और आम जनता का रास्ता बंद कर‌ दिया गया । हर अधिकारी मुआयना करने आया । क्या सिविल, क्या पुलिस के अधिकारी ! सब आते रहे, मुआयना करते रहे । 
आखिर सीआईडी विभाग के उच्चाधिकारी ने कहा कि जिस कुर्सी पर मुख्यमंत्री को बैठना है, वह कुर्सी ठीक नहीं । इसे तुरंत बदलो । यह हमारे उच्चाधिकारियों का आदेश है । 
हम वहां सारी तैयारियां कर चुके थे । अब कुर्सी में क्या खोट निकल आया? 
हमने मज़ाक मज़ाक में पूछा -फिर यह भी बता दीजिये कि कौन सी कुर्सी लायें? तीन महीने वाली या पांच साल चलने वाली? 
अधिकारी हमारा मुह देखते रह गये!!