काव्य पुस्तक "मेरी सोच" का लोकार्पण किया गया
प्रीत साहित्य सदन द्वारा अपनी मासिक सभा में इस बार आभासी उपक्रम द्वारा लुधियाना की लेखिका प्रवीण कुमारी गुप्ता के प्रथम काव्य संग्रह मेरी सोच का विमोचन किया गया जिसमें दूर-दूर से अनेक साहित्यकार उपस्थित हुए।
सभा की अध्यक्षता गुरु नानक ऑटो विश्वविद्यालय फगवाड़ा के रजिस्ट्रार डॉ राजकुमार महाजन द्वारा की गई जबकि मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ से श्रीमती नेहा त्रिवेदी उपस्थित हुए।
पुस्तक पर प्रपत्र पढ़ते हुए प्रोफेसर नीलम ने कहा कि लेखिका के पास कम शब्दों में गहरी बात कहने की कला है। द्वितीय पत्र में नीलू ठाकुर ने कहा कि गागर में सागर की सूक्ति इस पुस्तक को पढ़ने में अनुभूति देती है, तीक्ष्ण व संवेदनशील कटाक्ष द्वारा समाज के जख्मों को छेड़ा गया है।
आत्मकथन में लेखिका ने अपने साहित्य की यात्रा अनुभव से अवगत कराया, जिन प्रयत्नों द्वारा अपनी सोच को पुस्तक आकार दिया गया।
कार्यक्रम का द्वितीय सत्र काव्य गोष्ठी रहा जिसमें लगभग 20 कवियों ने सामाजिक संदर्भ में अनेक विषयों को लेकर अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
मंच का संचालन चित-परिचित अंदाज में श्रद्धा शुक्ला द्वारा किया गया जबकि अंत में धन्यवाद ज्ञापन में मनोज प्रीत ने उपस्थित सभी रचनाकारों का धन्यवाद व नमन किया।