हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या घटा कर गुलामी नहीं खरीदनीः इंद्रेश कुमार

‘पहले देश-फिर शेष’ विषय पर व्याख्यान आयोजित।

हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या घटा कर गुलामी नहीं खरीदनीः इंद्रेश कुमार

नई दिल्ली, गिरीश सैनी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा है कि हिंदू समाज को अपनी जनसंख्या घटा कर गुलामी नहीं खरीदनी है। हर हिन्दू दंपति के तीन से कम बच्चे नहीं होने चाहिए। संघ प्रमुख मोहन भागवत के संदेश को आगे बढ़ाते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमारा समृद्ध इतिहास फिर कह रहा है कि हम दुनिया की सरपरस्ती करें। उन्होंने कहा कि हमें भारत को दंगा मुक्त, नफरत मुक्त और हिंसा मुक्त बनाना है। हिंदू घटे नहीं, हिंदू बंटे नहीं का आह्वान उन्होंने किया।

इंद्रेश कुमार रोहिणी स्थित क्राउन प्लाजा होटल में राष्ट्रभक्ति, भारतीय संस्कृति-संस्कार व सनातन मूल्यों को समर्पित संस्था चेतना की ओर से प्रख्यात समाजसेवी लाला ओमप्रकाश गोयल की स्मृति में ‘पहले देश-फिर शेष’ विषय पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का मंच संचालन कवि राजेश चेतन ने किया।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में इंद्रेश कुमार ने कहा कि पूजा स्थलों के विवाद का यह समाधान है कि संवाद करो और न्यायपालिका के पास जाओ। सभी को नेक बन कर नेकी करने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि जहां हिंदू धर्म की मूर्तियां निकलें, वहां नमाज नहीं होनी चाहिए। इसी दृष्टिकोण को अपना कर सभी पूजा स्थलों का विवाद खत्म हो जाएगा। काबा का संदर्भ देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि वहां कुरान की विवादित 26 आयतें नहीं बोली जाती।

राष्ट्रवाद का प्रखर संदेश देते हुए संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि तमाम देशवासियों को सुनिश्चित करना होगा कि भारत का फिर से विभाजन न हो। लाहौर-ढाका समेत खोई जमीन फिर हमें मिले। भारत की ताकत और पराक्रम की गूंज बीजिंग तक सुनाई देनी चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में गोवध रोकने, लिंचिंग बंद करने, बेटी-बहन-मां की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बच्चों को शिक्षा के साथ सनातन संस्कार देने व राष्ट्र एकता आदि विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की।

इस दौरान बतौर मुख्य वक्ता, सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट व महिला अधिकारों के लिए संघर्ष की अलख जगाने वाली नाजिया इलाही खान ने कहा कि सनातन व्यवस्था में ही बेटियां सुरक्षित रह सकती हैं। तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दमदार पैरवी कर मुस्लिम महिलाओं के लिए मसीहा बनी नाजिया इलाही ने कहा कि मुस्लिम धर्म के ठेकेदार स्वयं कह रहे हैं कि निकाह एक कांट्रेक्ट मैरिज है। यानी मर्द का जब मन करे, तलाक लेकर नई लड़की के दैहिक शोषण के कॉन्ट्रैक्ट के लिए आजाद है। उन्होंने 26 विवादित आयतों के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि अगले माह वह इन आयतों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर करने जा रही हैं। उन्होंने जिहाद, हलाला, हिजाब, निकाह मसियार, मजार परस्ती, जन्नत की हूर के लालच, सर तन से जुदा, फतवा आदि पर भी विचार साझा किए तथा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का विशेष उल्लेख किया।

इस दौरान हालिया सम्भल के दंगों में अपने पिता बनवारी लाल गोयल को खोने वाले दिल्ली के व्यापारी विनीत गोयल ने दंगों का मार्मिक विवरण और दंगाईयों की बर्बरता उपस्थित जन के साथ साझा की। विशिष्ट अतिथि के रूप में अग्रसेन अस्पताल, पंजाबी बाग के मेंबर कंट्रोल बोर्ड जीडी गोयल तथा श्री रामलीला कमेटी, पीतमपुरा पीयू ब्लाक के प्रधान श्रीकृष्ण बासिया मौजूद रहे। लाला ओमप्रकाश गोयल की धर्मपत्नी गीता गोयल ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।