समाचार विश्लेषण/पंजाब में किसे माफ करेंगे, किसे नहीं?
-*कमलेश भारतीय
पंजाब में विधानसभा चुनाव ऐन सिर पर हैं और सभी दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते और बढ़ाते जा रहे हैं । जहां पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया पर कांग्रेस सरकार ने केस दर्ज करवाया है और मुख्यमंत्री चनानी का कहना है कि मजीठिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं , वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस ने राजनीति से प्रेरित होकर केस दर्ज करवाया है । चन्नी का कहना है कि पंजाब के लोग बादल परिवार, कैप्टन अमरेंद्र सिंह व अरविंद केजरीवाल को कभी माफ नहीं करेंगे ।
याद रहे कि एक समय अरविंद केजरीवाल ने अकाली नेता व पूर्व मंत्री विक्रम मजीठिया के खिलाफ चिट्ठे की तस्करी को लेकर बड़े दावे किये थे और आरोप लगाये थे । तब मजीठिया ने केजरीवाल पर मानहानि का केस ठोक दिया था जिसके चलते केजरीवाल ने माफी मांग ली थी । इसीलिए चन्नी कह रहे हैं कि केजरीवाल को पंजाब के लोग माफ नहीं करेंगे । कैप्टन अमरेंद्र सिंह तो कांग्रेस के ही चार साल मुख्यमंत्री रहे तब चन्नी ने अपनी जुबान क्यों बंद रखी ? यह माना जाता है कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह नशाखोरी पर वादे के मुताबिक सख्त कदम उठाने और इसे रोकने में नाकाम रहे। यहां तक कि एक महिला अधिकारी की इस अभियान में हत्या भी कर दी गयी थी । बादल परिवार को इसलिए लपेट में लिया है क्योंकि मजीठिया इनकी सरकार में मंत्री ही नहीं बल्कि इनके निकट रिश्तेदार भी हैं ।
जहां तक नशाखोरी की बात है तो पंजाब ही नहीं अब तो हरियाणा भी इसकी पकड़ में आ चुका है । पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक फिल्म आई थी -उड़ता पंजाब यानी नशाखोरी से पंजाब बर्बाद हो रहा है , यह दिखाने के लिए । आरोप लगा था अरविंद केजरीवाल पर इसको फाइनेंस करने का । शाहिद कपूर इसके हीरो थे लेकिन डायरेक्टर का जवाब था कि यदि इस तरह फिल्म के लिए फाइनेंस मिलता हो तो मैं जल्द से जल्द फिल्में बनाऊं लेकिन कोई फाइनेंस नहीं मिला ।
पंजाब के चुनावों में इस बार फिर आप के अरविंद केजरीवाल को बहुत उम्मीदें हैं । पंजाब में ही आप पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली थी जब इसके चार सांसद चुन कर आए थे लेकिन अरविंद इस सफलता को कायम न रख सके और इनके दो सांसद पार्टी विरोधी काम करने लगे जिससे इनके खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ी और इस तरह आप को धक्का लगा और इसकी लोकप्रियता में काफी कमी आई । अब भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ अपने गठबंधन से उम्मीदें लगाए हुए है । जहां भाजपा बिल्कुल जीरो थी वहीं कांग्रेस के आपसी विवाद के बाद कैप्टन के सहारे पैर जमाने की कोशिश कर रही है । भाजपा और अकाली दल का गठबंधन टूट चुका है और अकाली दल ने बसपा से नया गठबंधन किया जिसका पार कांग्रेस ने चन्नी को मुख्यमंत्री बना कर पाने की कोशिश की है । देखिए किसकी कोशिश कितना रंग लाती है ,,,,?
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।