ऑनर किलिंग: समाज का घिनौना चेहरा

ऑनर किलिंग: समाज का घिनौना चेहरा

-*कमलेश भारतीय
फिर एक ऑनर किलिंग। एक बार फिर प्यार पर चली गोली और किसी और ने नहीं, बहन को छोटे भाई ने ही ऑनर किलिंग के लिए गोली चला दी, वह भी उसके ससुराल में जाकर। बात करने के बहाने छत पर ले जाकर गोली मार दी और भागते भागते बहन की सास व ननद पर भी गोली चला कर गया, जो गंभीर हालत में अस्पताल में हैं। यह कांड कैथल के क्योड़क गांव‌ के दो प्रेमियों से जुड़ा हुआ है और इस प्रेम विवाह का विरोध जब कारगर न हुआ तो शादी करने की इजाजत तो दे दी लेकिन मन में से कसक न गयी। कसक और नफरत बनी रही। यह अंतरजातीय जोड़ा शादी के बाद बाइस दिन कैथल‌ के सेफ हाउस में भी रहा और फिर फतेहाबाद में भी कुछ समय तक रहा।  दोनों काॅलेज में एकसाथ पढ़ते थे और पढ़ते पढ़ते इल्लू इल्लू हो गया दोनों के बीच। अभी बीस दिन पहले ही दोनों घर लौटे थे। बस, बीस दिन का ही स्वर्ग मिला और फिर छोटे मात्र सोलह साल के भाई ने घर में नर्क बना दिया। वह बहन से मिलने आता था पर भनक नहीं लगने दी कि मन में कैसा विष घोल‌ रखा है। आखिरकार अपने गुस्से का और ऑनर का शिकार बहन को बना डाला। 
हरियाणा में ऑनर किलिंग के नाम पर यह पहली घटना नहीं है और न ही शायद आखिरी। अभी तो एक और गांव में प्रेमी जोड़े पर पंचायतें बैठ रही हैं और दोनों को यह प्रेम विवाह तोड़ने के लिए मनाया जा रहा है। एक दो बार तो ऐसी रोचक बातें भी सामने आईं कि पंचायतों में प्रेमी जोड़े को भाई बहन बनने को मजबूर किया गया। अब बताइये यह कैसा इंसाफ? 
भगवान ने तो इंसान बनाये, धरती पर इंसान भेजे लेकिन हमने उन्हें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बनाया। छोटी बड़ी जातियों में बांट दिया और भगवान ने तो प्रेम भरी मुस्कान के साथ भेजा लेकिन हमने नश्तर चुभो दिया इस मुस्कान पर। ये जाति व्यवस्था बहुत प्राचीन है और चार वर्गों से चली आ रही है, जिनकी अनेक शाखायें बनतीं और बढ़तीं गयीं और समाज बंटता गया, दूरियां बढ़तीं गयीं और ये दूरियां अब प्यार की बजाय दुश्मनी बांट रही हैं। इन्हीं के चलते ऑनर किलिंग हो रही हैं। एक बात और भी कि ये जाति का अंतर बड़े अधिकारियों पर लागू नहीं होता। कितने ही अंतरजातीय जोड़े ऐसे हैं जो उच्चाधिकारी हैं लेकिन उनको परिवार स्वीकार कर लेते हैं खुशी खुशी तो क्या पद, योग्यता और सामाजिक प्रतिष्ठा ऑनर किलिंग को भगा देती है? क्या ऑनर किलिंग के निशाने पर गरीब, कम पढ़े लिखे और कम आमदनी वाले जोड़े ही रहते हैं? बहुत कुछ शोध‌ की जरूरत है लेकिन प्रेम पर हमले सही नहीं हैं, कतई सही नहीं। यहां तक 'हाथी मेरे साथी' जैसी फिल्म तो जानवर से भी भेदभाव या नफरत का शिकार न बनाने की प्रेरणा देती है और राजेश खन्ना पर गाना फिल्माया गया:
नफरत की दुनिया को छोड़कर 
प्यार की दुनिया में खुश रहना मेरे यार !

-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।