समाचार विश्लेषण/ताऊ देवीलाल जैसी उम्मीद?
-*कमलेश भारतीय
क्या ताऊ देवीलाल जैसी संयोजन और विपक्षी दलों में एकता की उम्मीद पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला से की जा सकती है ? ताऊ देवीलाल की जयंती पर जींद में हुई व्यवहार जनसभा में सभी बड़े नेताओं ने यह उम्मीद चौटाला से लगाई है और यहाः तक कि भाजपा में मंत्री रहे और हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह के पिता चौ वीरेंद्र सिंह ने इस जन सभा में शिल होकर किसे चौंकाने की कोशिश की ? वे कह रहे हैं कि कोई न कोई मसीहा आयेगा जो किसानों का दुख दूर करेगा । एक समय दीनबंधु सर छोटूराम ने तो बाद में चौ देवीलाल ने किसानों का दुख दूर किया । अब सवाल यह बनता है कि आप छोटूराम के नाती और उनकी विरासत संभालते हुए भी क्यों नहीं बन पा रहे मसीहा ? बेशक इस जनसभा में शामिल होकर हरियाणा के राजनीतिक दलों में काफी उत्सुकता पैदा कर दी कि चौ साहब जायेंगे तो जायेंगे कहां और अगला कदम रखेंगे कहां ?
के सी त्यागी ने भी याद दिलाया कि एक समय चौ देवीलाल ने तीसरे मोर्चे का गठन करने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई थी । अब सभी ओम प्रकाश चौटाला की ओर देख रहे हैं । इस जनसभा में उमेद लोहान ने कांग्रेस को छोड़ कर फिर से इनेलो का दामन थाम लिया । उमेद लोहान को मनाने अभय चौटाला हिसार के आवास पर आए थे ।
देखा जाये तो पिछले एक माह से पूरी तैयारियां चल रही थी इस जन सभा को भव्य बनाने के लिए और बड़े बादल भी आए और फारूक़ अब्दुल्ला भी । सबको कहीं न कहीं से धोखा मिला । इनेलो और अकाली दल को झटक दिया भाजपा ने तो अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस का हाथ नहीं रहा जिसके सहयोग से पिता व पुत्र ने सरकारें बनाईं थीं । भाजपा एक गुप्त नीति पर चल रही है क्षेत्रीय दलों को धीरे धीरे खत्म करने की नीति । हरियाणा में इनेलो को विभाजित कर दिया । अब अजय चौटाला ने ताऊ देवीलाल का अलग कार्यक्रम किया तो अभय ने अलग । फिर भी सबसे बड़ा सवाल कि जो ताकत का अहसास जींद जनसभा में हुआ , क्या बड़े चौटाला इसे बरकरार रख सकेंगे ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।