भाजपा,कांग्रेस में कितने मुख्यमंत्री?
-*कमलेश भारतीय
अभी तक तो कांग्रेस में ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार एक दूसरे से उलझते दिख रहे थे लेकिन अब अनुशासित भाजपा मे भी यह मुख्यमंत्री बनने का रोग लग गया है । मैंनू मुख्यमंत्री बनने का लगा रोग, मैं न बचदा।
कांग्रेस में तीन चार दावेदार बड़े मुखर हैं -पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद सुश्री सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव। चारों में भी शार्ट लिस्ट करें तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सैलजा। हालांकि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने पहले कहा कि कोई भी सांसद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकता। इससे यह मुगालता हो गया कि सैलजा के मुख्यमंत्री बनने का सपना धराशायी लेकिन दूसरे ही दिन बावरिया के बोल बदले कि सांसद मुख्यमंत्री बनने का दावा कर सकते हैं तब कहीं जाकर मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के जी को आया करार। नहीं तो यह चर्चा थी कि सैलजा उकलाना से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। वे अपने भतीजे हर्ष को उकलाना से कांग्रेस टिकट चाह रही थीं, जो नहीं मिली। यहां तक कि वे अपने बरसों से ओएसडी डाॅ अजय चौधरी के लिए नारनौंद से कांग्रेस टिकट मांग रही थीं लेकिन यहां भी मात ही खाई। टिकट जस्सी पेटबाड़िया को मिला। इस तरह इन दोनों टिकटों के कटने की राजनीतिक गलियारों में बड़ी चर्चा हो रही है । रणदीप सुरजेवाला को तो बेटे के लिए टिकट मिल गयी। वे सुरक्षित खेल रहे हैं । इस तरह कांग्रेस में मुख्यमंत्री का खेल चल रहा है।
दूसरी ओर भाजपा भी इस मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री के खेल से अछूती नहीं है । पूर्व गृहमंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री बनने का राग मीडिया में छेड़ दिया है कि इस बार मुख्यमंत्री ही बनूंगा, मेरे समर्थक यह चाह रहे हैं। शुक्र है कहीं समर्थकों ने यह नहीं चाहा कि वे राष्ट्रपति बने जायें। भाजपा के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा नायब सैनी ही हैं। यदि विज ने मुख्यमंत्री बनने की बात कही है तो कार्यकर्त्ता के तौर पर कही होगी लेकिन वे भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे नहीं हैं, नायब सैनी ही घोषित रूप से मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। वैसे अनिल विज की तरह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत के भी मन में भी मुख्यमंत्री न बन पाने की कसक गयी नहीं और वे दक्षिण हरियाणा की उपेक्षा की बात कर अपना दावा दोहराते रहते हैं। दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस से कैप्टन अजय यादव व भाजपा से राव इंद्रजीत मुख्यमंत्री बनने का सपना कब से पाले हुए हैं लेकिन यह सपना है कि अभी तक सपना ही रह जाता है। हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वालों में उचाना के चौ बीरेंद्र सिंह भी एक रहे हैं। वे भी कांग्रेस में दाल गलती न देखकर भाजपा में शामिल हो गये थे पर वहां भी केंद्रीय मंत्री से आगे कुछ हाथ न लगने पर बेटे व पूर्व सांसद बृजेन्द्र सि़ह समेत कांग्रेस में ही आ लौट आये। सपने का क्या बना? कोई नहीं जानता ।
मुख्यमंत्री बनाने का सपना दिखाकर बहला लेंगे
फिर भी न माना तो बेटे बेटी को टिकट देकर बहला लेंगे!
यही राजनीतिक खेल जारी है ।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।