समाचार विश्लेषण/आदमपुर की हार के कितने बहाने
आदमपुर चुनाव की हार के कितने बहाने ? कौन थे और कैसे थे हराने वाले ? दस बहाने करके क्या कर दिया जयप्रकाश यानी जेपी के साथ ? और कांग्रेस के साथ भी ?
-*कमलेश भारतीय
आदमपुर चुनाव की हार के कितने बहाने ? कौन थे और कैसे थे हराने वाले ? दस बहाने करके क्या कर दिया जयप्रकाश यानी जेपी के साथ ? और कांग्रेस के साथ भी ? यह मजेदार खुलासे खुद जेपी और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने किये हैं ! मज़ेदार बहाने ! जेपी का कहना है कि किरण चौधरी से सम्पर्क किया तो पहली बार जवाब आया कि मुम्बई में हूं पार्टी के काम से ! दूसरी बार फोन किया तो बोलीं कि मैं बीमार हूं और दर्द भी है ! इस तरह किरण चौधरी आदमपुर चुनाव से दूरी बनाये रहीं । हालांकि जेपी ने गुहार लगाई कि चौ सुरेंद्र सिंह यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं और आपके समर्थक यहां हैं लेकिन किरण चौधरी ने आदभनुर की ओर रुख नहीं किया तो नहीं किया ! बाकी वे बेहतर जानती हैं !
अब आई पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सैलजा की बारी ! जेपी ने फोन किया तो जवाब कि बीमार हूं ! फिर तीस अक्तूबर को पहुंचे सैलजा के पिता चौ दलबीर सिंह की पुण्यतिथि पर हिसार के डाबड़ा चौक स्थित आवास पर ! इसके बावजूद जवाब मिला कि हम कांग्रेसी थे , कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी रहेंगे ! यानी सीधे सीधे शब्दों में हम कांग्रेसी गुटबाज हैं , गुटबाज थे और गुटबाज रहेंगे ! यह गुटबाजी खूब है और इसका रंग भी खूब देखने को मिला आदमपुर चुनाव में !
फिर बारी आई नरवाना के लाल रणदीप सुरजेवाला की ! उनका एक ही लाइन का जवाब कि मैं तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ हूं ! इस तरह जो कांटा जींद में निकाला था , उसी कांटे की चुभन यहां आदमपुर में झेलनी पड़ी । यह है कांग्रेसियों का कमाल !
दूसरी ओर प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि किरण चौधरी इतनी बड़ी नेत्री नहीं कि जिससे सलाह ली जानी जरूरी थी ! सैलजा को जरूर दो बार फोन किये लेकिन वे चुनाव प्रचार में नहीं आईं ! वैसे तो भाजपा के चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत भी नहीं आये थे ! ये गुटबाजी की चोट हम पर ही क्यों ? किरण चौधरी जवाब में कह रही हैं कि उदयभान जी , आपको प्रदेशाध्यक्ष बनाते समय मुझसे राय ली गयी थी लेकिन आप कैसे काम कर रहे हो , यह सब दिख रहा है ! मेरी हैसियत भी जान लीजिए आप !
इस तरह कितने कितने बहाने बनाये हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने और गाने के बोल याद करवा दिये :
जाना था हमसे दूर
बहाने बना लिये
हमसे कितनी दूर
ठिकाने बना लिये !
कितने कितने बहाने और कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं ! यदि यही हाल रहा तो कांग्रेस के ये सभी नेता भी मानते हैं कि फिर सन् 2024 में क्या कर पायेंगे कोई करिश्मा ?
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।