इंटरव्यू /पापा की इच्छा पूरी कर बनी ऑफिसर : पूजा वाशिष्ठ
-कमलेश भारतीय
मैं एक ऑफिसर हूं , लेडी ऑफिसर नहीं । इसमें भेदभाव की कोशिश क्यों ? हम भी हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार ही काम करते हैं । यह कहना है हिसार की एएसपी पूजा वाशिष्ठ का । वे मूलतः सोनीपत की रहने वाली हैं लेकिन इनके पापा कर्ण सिंह वाशिष्ठ को शौक था कि बेटी ऑफिसर बने । वे प्रापर्टी डीलर थे । इसलिए पांचवीं तक की पढ़ाई सोनीपत में और बाकी पढ़ाई बंगलौर में हुई । बंगलौर में ही मैंने आर वी काॅलेज से इंजीनियरिंग की और सन् 2018 में आईपीएस चुनी गयी । मैं सन् 2018 बैच की आईपीएस हूं ।
-ट्रेनिंग कहां कहां हुई ?
-मसूरी और हैदराबाद ।
-कोई मुश्किल तो नहीं आई ?
-नहीं । सब एकदूसरे को देखकर प्रेरणा लेते हैं और हो गयी आराम से ।
-क्या शौक रहे आपके ?
-किताबें पढ़ना और जीव पालना ।
-तो अभी कोई जीव पाल रखा है ?
-नहीं । जब पानीपत पोस्टिड थी तब बिल्ली पाल रखी थी लेकिन वह चल बसी । अभी और कोई नहीं पाली ।
-परिवार के बारे में ?
-डाॅ आनंद शर्मा आईएएस मेरे पति हैं और वे इंद्री में एसडीएम नियुक्त हैं इन दिनों ।
-कभी किरण बेदी ने यह धारणा तोड़ी थी कि महिलाएं भी अच्छी पुलिस प्रशासिका हो सकती हैं । आपका क्या कहना है ?
-नहीं । आप भेदभाव न कीजिए । मैं एक ऑफिसर हूं , लेडी ऑफिसर नहीं और हरियाणा के नियमों के अनुसार काम कर रही हूं ।
-क्या नजरिया रहता है आपका ?
-सभी को न्याय मिले । चाहे अपराधी हो , उसकी बात भी सुनने की कोशिश रहती है । सबके अधिकार हैं और किसी को भी उसके अधिकार से वंचित न किया जाये ।
हमारी शुभकामनाएं पूजा वाशिष्ठ को।