एक्टिंग से पागलों की तरह प्यार करती हूं: विद्या कुमारी सम्मान से सम्मानित अंजवि सिंह हुड्डा
-कमलेश भारतीय
सच कहूं सर कि जब विद्या कुमारी सम्मान लेने के लिए मेरा नाम पुकारा गया तो मेरे पैर कांप रहे थे । यशपाल सर ने मुझे चुना इस गौरवपूर्ण सम्मान के लिए ? मुझसे पहले सुमित्रा हुड्डा पेडनेकर, शमीम शर्मा और मेघना मलिक को यह सम्मान दिया गया । मुझे भी इस लायक समझा यशपाल सर ने । बस । यही खुशी , यही अहसास हुआ सम्मान लेते समय । यह कहना है कुरूक्षेत्र में आयोजित पांचवें फिल्म महोत्सव में विद्या कुमारी सम्मान से सम्मानित एक्ट्रेस अंजवि सिंह हुड्डा का । मैंने वहीं वादा किया था अंजवि से कि जल्द ही इंटरव्यू करूंगा । और आज सुबह सवेरे हमारी बातचीत हुई । मूल रूप से रोहतक के किलोई गांव की निवासी अंजवि की मैट्रिक तक की शिक्षा गांव के ही गवर्नमेंट स्कूल में हुई । रोहतक के दूहज इंस्टिट्यूट से मेडिकल की कोचिंग ली क्योंकि वह एमबीबीएस कर डाॅक्टर बनना चाहती थी लेकिन पिता के बीमार हो जाने से वह सपना बीच में अधूरा ही रह गया । फिर वह जाट काॅलेज से ग्रेजुएट हुई और थियेटर में ऐसी पागल हुई कि चार साल तक एमडीयू की श्रेष्ठ अभिनेत्री बनी । इस तरह उसकी जिंदगी का न केवल उद्देश्य बदल गया बल्कि दिशा भी बदल गयी । अभी वह थियेटर में एम ए करने की सोच रही है ।
-थियेटर में क्या क्या करने का अवसर मिला ?
-पहला बड़ा नाटक रहा सोनू रोंजिया के निर्देशन में 'खामोश अदालत जारी है ' जिसमें मेरी मुख्य भूमिका थी लीला के रूप में । इसके बाद अलकेश दलाल के निर्देशन में किया 'सूर्य की पहली किरण से लेकर अंतिम किरण तक ' । गिरीश कार्नाड लिखित 'नागमंडल' में भी काम किया ।
-फिर फिल्म में कैसे ?
-'छोरियां छोरों से कम नहीं' में साइड रोल । अभी आई 'गौरव की स्वीटी' में जो खूब चर्चित रही ।
-कौन सी अभिनेत्री पसंद है ?
-स्मिता पाटिल और दीपिका पादुकोण । काॅलेज में मुझे स्मिता पाटिल ही पुकारते थे ।
-मम्मी पापा ने रोका नहीं ?
-नहीं । वे बहुत स्पोर्टिंग हैं । पूरा विश्वास करते हैं ।
-छोटे से गांव की हो क्या जानती थी फिल्मों के बारे में ?
-कुछ नहीं । बस इतना जानती थी कि ग्लैमर की दुनिया है ।
-थियेटर व एक्टिंग के अलावा क्या शौक हैं ?
-एक ही शौक डायरी लेखन करती हूं । कविताएं भी लिखती हूँ और आपको भी लेखक के रूप में बहुत पसंद करती हूं । कभी अपनी कविताएँ आपको दिखाऊंगी ।
-कैसा लगा सम्मान पाकर ?
-सच कहूं सर कि जब पुरस्कार लेने गयी तो पैर कांप रहे थे । यशपाल सर ने मुझे चुना ? मुझे इस लायक समझा ? मेरे ऊपर भरोसा जताया ?
-फिल्म व वेब सीरीज के अलावा क्या किया ?
-सन् 2016 में बनी मिस हरियाणा और सन् 2017 में दिवा ऑफ इंडिया के हरियाणा से और अंतिम पांच में रही ।
-क्या लक्ष्य रहेगा ?
-एक ऐसी अभिनेत्री बनूँ जिसको लोग स्टडी करें और याद रखें । मैं अपने काम से पागलों की तरह प्यार करती रहूं ।
हमारी शुभकामनाएं अंजवि सिंह हुड्डा को ।