समाचार विश्लेषण/मैं कांग्रेस नहीं छोडूंगी , तुम देखते रहियो
-*कमलेश भारतीय
आज यह गाना याद आया जब हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की नेत्री किरण चौधरी ने कहा कि मैं कांग्रेस छोड़ जाऊंगी, इस गलतफहमी में न रहियो ! मैं कांग्रेस में ही रहूंगी और अपने कार्यकर्त्ताओं के द्वार जाऊंगी और जा भी रही हूं । पर यह सवाल उठा ही क्यों ? कार्यकर्त्ताओं के द्वार जाने की याद आई कैसे और क्यों ? जब हरियाणा में आए भाजपा प्रभारी विप्लव देव ! उन्होंने आदमपुर उपचुनाव के लिए ढंढूर की जनसभा को संबोधित कर कहा कि क्या हरियाणा में दो ही जाट हैं ? क्या किरण चौधरी जाटनी नहीं ? यह संकेत ही काफी कि कहीं न कहीं कोई खिचड़ी पक रही है । दूसरी ओर किरण चौधरी लगातार यह कहती रहीं कि मुझसे प्रत्याशी ताकते समय कोई सलाह नहीं ली गयी । वे चुनाव प्रचार से तो दूर रहीं बल्कि कार्यकर्त्ताओं के द्वार कार्यक्रम शुरू कर लिया और आदमपुर से जितनी दूर हो सकती थीं , दूरी बनाये रखी ! इसे कहते हैं कांग्रेस के अंदर एक और कांग्रेस ! हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने संतुलन बनाने के लिए किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया लेकिन श्रुति तो प्रदेशाध्यक्ष उदयभान के कार्यभार संभालने वाले दिन भी चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय नहीं पहुंचीं । सिर्फ एक बार वे कांग्रेस के मंच पर दिखीं और अब किरण चौधरी ने साफ साफ कह दिया है कि श्रुति तो भिवानी महेंद्रगढ़ यानी अपने लोकसभा क्षेत्र में व्यस्त रहेंगीं और मैं प्रदेश भर में कार्यकर्त्ताओं के द्वार ! यानी कांग्रेस हाईकमान का संतुलन बनाने का फार्मूला फेल !
वैसे कांग्रेस का इतिहास यह बताता है कि जब जब कोई नेता कांग्रेस के अंदर रहते नया मंच बना लेता है या कोई अलग कदम उठाता है तो वह ज्यादा देर तक कांग्रेस में रहता नहीं । हरियाणा विकास मंच बना और धीरे धीरे हरियाणा विकास पार्टी बन गया ! राव इंद्रजीत न्याय मांगते मांगते भाजपा में चले गये । चौ वीरेंद्र सिंह आजकल भाजपा से दूर वीरेंद्र सिंह के साथी बैनर के तले कार्यक्रम कर रहे हैं ! यह हरियाणा के नेताओं की दल बदलने की एक करिश्माई नीति है । कुलदीप बिश्नोई ने हजकां का गठन कर लिया था और फिर कांग्रेस में घर वापसी की । अब फिर भाजपा में ! और कौन कह सकता है कि फिर घर वापसी न कर लें ! हमारी दुआ है कि कुलदीप बिश्नोई का यह आखिरी दलबदल हो ! किरण चौधरी के अनुसार उनके कार्यकर्त्ता मायूस होकर घर बैठ गये थे , इसलिए वे उनमें जोश भरने के लिए जा रही हैं । लेकिन हरियाणा की भाजपा जजपा सरकार पर कार्यकर्त्ता क्या कह रहे हैं ? यह नहीं बता रही हैं ! क्या कार्यकर्त्ता इस सरकार के कामकाज पर किरण चौधरी को कोई फीड बैक नहीं देते ? क्या इनके कार्यकर्त्ताओं को रामराज दिख रहा है ? आप सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कीजिए । ऊपर से कह रही हो कि मैं कांग्रेस नहीं छोड़कर नहीं जा रही ! अब कोई समझे तो क्या समझे ! गालिब कोई बतलाये , हम बतलायें क्या !
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।