परिपक्वता के साथ चीज़ों को देख-समझ और लिख सकूं , यही इच्छा : डाॅ पूनम खनगवाल
-कमलेश भारतीय
परिपक्वता के साथ चीजों को देख और लिख सकूं , यही इच्छा है मेरी ! यह कहना है डाॅ पूनम खनगवाल का । वे आबकारी व कराधान अधिकारी हैं , लेखिका हैं , पेंटर आर्टिस्ट हैं, धाविका और वाॅयस ओवर कलाकार भी । मूल रूप से हिसार की निवासी डाॅ पूनम ने सीनियर सेकंडरी स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा के बाद डीएन काॅलेज से विज्ञान में जमा दो , फिर चौ चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से पशुचिकित्सक स्नातक और स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्राप्त की । बाद में नौकरी में रहते हुए एलएलबी भी की । इस छोटी सी बातचीत में अपनी नयी कहानी “ऐ बिहारिन “का पाठ भी किया ,जो ,विश्व हिन्दी साहित्य पत्रिका में चयनित है।
-शिक्षा पूरी करने के बाद पहली जाॅब कहां ?
- वेटनरी डाॅक्टर के रूप में नलवा और फिर फरीदाबाद के बाद हिसार रही ।
-स्कूल काॅलेज में कोई गतिविधि ?
-डी ऐन कॉलेज के लिटरेचर एंड कल्चर क्लब की पदाधिकारी रही। जहां से लिखने का शौक लगा । कविता व भाषण प्रतियोगिताओं में भी ।
-आबकारी व कराधान अधिकारी कब से ?
-सन् 2013 से ।
-शादी कब ?
-सन् 1999 में डाॅ कुलदीप से । बेटा शिनाॅय जो कुछ अलग लिखने का शौक रखता है।
-आपकी किताब का नाम ?
-अजन्मी काव्य संग्रह जिसका विमोचन तब लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने किया था ।
-पेटिंग कब से ?
-शादी के बाद से ।
-कोई ब्लाॅग लिखती हैं ?
-सन् 2008 से सुकून ए रूह । एक ब्लॉग नभछोर में कई वर्षो तक प्रकाशित होता रहा।
-आकाशवाणी हिसार में उद्घोषिका कैसे ?
- पुरानी बात है,तब पारुल लता ले गयी थी ऑडिशन के लिये । संयोगवश मेरा चयन हो गया ।
-किस लेखक से प्रेरणा मिलती है ?
-मुंशी प्रेमचंद ।
-आपकी बड़ी बहन सुनीता दुग्गल भी अधिकारी थीं लेकिन अब सिरसा से संसद हैं । क्या आपका मन भी राजनीति में जाने को करता है ?
-वक़्त और किस्मत कब आपकी झोली में क्या डाल दे आप सोच भी नहीं सकते।हाँ उनकी बेदाग़ राजनीतिक छवि प्रभावित करती है।
-आपकी उपलब्धियां ?
- वेटरन धाविका भी हूं और 11 व 21 किलोमीटर में जीती ।
-साहित्य में क्या उपलब्धि है ?
-सन् 2011 में इंडोनेशिया गयी शिक्षा पर सेमिनार में भाग लिया । सन् 2023 में फिजी के विश्व हिंदी सम्मेलन में आलेख स्वीकृत हुआ। एक प्रोजेक्ट “लोनली स्माइलस “ पर काम कर रही हूँ ।
-क्या लक्ष्य ?
-परिपक्वता से चीज़ों को देख-समझ और लिख सकूं ।