बिगड़े हालात न संभले तो पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल सरकार के खिलाफ लगाएगा मोर्चा
`व्यापार जगत के कुछ चुनिंदा लोगों से मिलकर और अफसरों के साथ अंदर कमरे में बैठ कर नहीं लिये जा सकते पंजाब के व्यापार के हित में फैसले'
लुधियाना, 2 मार्च, 2024: आज पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल द्वारा मुख्य कार्यालय माता रानी चौक स्थित दफ़्तर में हुई जिस्मे राज्य महासचिव, राष्ट्रीय उप-प्रधान भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, राष्ट्रीय व्यापार कल्याण बोर्ड (केंद्र सरकार) के सदस्य सुनील मेहरा और पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के महासचिव , राष्ट्रीय सचिव भारतीय उद्योग व्यापार मंडल से आयुष अग्रवाल उपस्थित थे । इन नेताओं ने कहा कि पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल 85 वर्षों से व्यापार और सरकार के बीच सेतु का काम कर रही है और अब तो केंद्र सरकार ने भी इस संस्था का मान रखते हुए इसके नुमाइंदों को राष्ट्रीय व्यापार कल्याण बोर्ड में स्थान दिया है।
इन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और `आप' सरकार के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल पंजाब के दौरे पर निकले हैं और 3 मार्च को लुधियाना में आ रहे हैं और उद्योगपतियों से भी मिल रहे हैं।इन व्यापारी नेताओं ने कहा कि उन्हें ये समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री केवल चुनिंदा उद्योगपतियों से मिल कर और उच्च अधिकारियों के साथ बंद कमरे में रह कर पंजाब की स्थिति की असलियत कैसे समझ सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब की व्यापारिक और आर्थिक स्थिति इतनी नाज़ुक है कि यदि इसे वक्त रहते संभाला और सुधारा न गया तो वो वह दिन दूर नहीं जब पंजाब को एक "टेरर राज्य" के रूप में देखा जाएगा । उन्होंने दावा किया कि दूसरे शब्दों में ये शब्द कुछ समय पहले योगी सरकार के आने से पहले वाली उत्तर प्रदेश राज्य के लिए इस्तेमाल होता था जहां कोई भी व्यापारी व्यापार करने से डरता था । आज कुछ ऐसी ही स्थिति पंजाब की है । पंजाब की क़ानून व्यवस्था इतनी ख़स्ता है कि बाहर राज्य का व्यापारी पंजाब आने से कतराता है । दिन दिहाड़े लूट-पाट, वसूली, हमला कर के फिरौती माँगना जैसे हालात पंजाब के लिए आम बात हो गई है।
ऊपर से दो बार किसान आंदोलन होने की वजह से पंजाब के व्यापार को पिछले साल 1 लाख करोड़ से भी अधिक का नुक़सान हुआ है और इस साल पंजाब सीमा बंद होने की वजह से पंजाब के व्यापार को 10 हज़ार करोड़ से भी अधिक का नुक़सान झेलना पड़ा है । पंजाब का युवा भी आज के दिन पंजाब में सुरक्षित महसूस नहीं करता है और व्यापार न चलने की वजह से नौकरियों के अभाव में 6 लाख से अधिक युवा बाहरी देशों जैसे कनाडा, अमरीका, लंदन और राज्यों जैसे कर्नाटक, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पलायन कर रहा है।
पंजाब की टैक्स कलेक्शन की हालत भी बाक़ी राज्यों के मुकाबले ख़स्ता है । पंजाब की सालाना जीएसटी कलेक्शन 20 हज़ार करोड़ रुपए है और वही हरियाणा , जो एक समय पंजाब से पीछे माना जाता था कि जीएसटी कलेक्शन 80 हज़ार करोड़ रुपए है, उत्तर प्रदेश का जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ के आस पास का है और वहीं पूरे देश का जीएसटी कलेक्शन हर महीने 1.5 लाख करोड़ के पार जा रहा है । सोचने वाली बात यह है कि यदि देश का टैक्स कलेक्शन इतना बढ़ रहा है तो पंजाब का टैक्स कलेक्शन क्यों घट रहा है । ये साफ़ साफ़ दर्शाता है कि पंजाब की व्यापारिक स्थिति ख़स्ता है।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री भगवंत मान केवल अपनी छवि चमकाने के चक्कर में कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों से मिलेंगे तो पंजाब की असली व्यापारिक स्थिति से अवगत नहीं हो पाएँगे । पंजाब में अफसरशाही भी बढ़ती जा रही है जिसका असर स्पष्ट तौर पर व्यापार पर पड़ता है क्योंकि कोई भी अफ़सर व्यापारियों की दुख तकलीफ़ सुनने को तैयार नहीं है और न ही सरकार की नीतियाँ व्यापारी हितों में है।
उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार का व्यापारियों के प्रति यही रवैया रहा तो पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल सभी व्यापारिक संस्थाओं के साथ मिल कर राज्यस्तरीय बैठक लुधियाना शहर में बुलाई जाएगी और सरकार से अपने हक के लिए संघर्ष करेगा क्योंकि पंजाब का व्यापारी सुरक्षित और सही तरीके से पंजाब में व्यापार करना चाहता है और सरकार की ओर मदद का हाथ बढ़ा रहा है । अब सरकार के ऊपर है कि वह मदद या फिर दबाव का हाथ बढ़ाना चाहती है।