ज्ञान और कौशल का उपयोग सामाजिक तथा सामुदायिक सरोकारों के लिए नहीं किया जाए, तो वो शिक्षा-ज्ञान अपूर्ण हैः कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक, गिरीश सैनी। शिक्षा का सही उद्देश्य शिक्षित होकर समाज तथा राष्ट्र की सेवा करना है। यदि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग सामाजिक तथा सामुदायिक सरोकारों के लिए नहीं किया जाए, तो वो शिक्षा-ज्ञान अपूर्ण है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के नव प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों के लिए आयोजित दो दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम के दूसरे दिन अपने अध्यक्षीय भाषण में ये उद्गार व्यक्त कर विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को सामुदायिक कार्यों, विशेष रूप से पर्यावरणीय सरोकारों से जुड़ना होगा। विश्वविद्यालय आउटरीच के तहत विभिन्न सामाजिक-सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन गतिविधियों और कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
कुलपति ने एमडीयू में विभिन्न स्टूडेंट सेंट्रीक कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास तथा क्षमता संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध है।
इंडक्शन प्रोग्राम के दूसरे दिन विद्यार्थियों से खचाखच भरे टैगोर सभागार में प्रेरक वक्ता, पूर्व भारतीय प्रशासनिक अधिकारी विवेक अत्रे ने विद्यार्थियों के साथ करियर तथा जीवन प्रबंधन का रोड मैप साझा किया। विवेक अत्रे ने कहा कि पैसा तथा सत्ता शक्ति ही जीवन में खुशी का कारण नहीं हो सकते, बल्कि सच्ची खुशी व्यक्ति में स्वयं अंतर निहित है। जीवन में इनोवेटिव बनने, प्रेरणादायी व्यक्तियों, पुस्तक, सिनेमा-साहित्य से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे, तथा खुद अभिप्रेरणा के साथ जीवन पथ पर अग्रसर होने का मंत्र विवेक अत्रे ने दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शैक्षणिक परीक्षा, करियर की परीक्षा या फिर जीवन की परीक्षा में जीत-हार खुद को मन से तय होती है। अपने मानसिक बल को सुदृढ़ करने का परामर्श विवेक अत्रे ने दिया। विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर व्याख्यान उपरांत उन्होंने दिए।
प्रात:कालीन सत्र में विशिष्ट अतिथि ग्रुप कमांडर, एनसीसी ब्रिगेडियर हरबीर सिंह ने विद्यार्थियों से लक्ष्य निर्धारण, कैरियर मार्ग निर्धारण तथा तदुपरांत कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्ति का संदेश दिया। कार्यक्रम में यूथ सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट के तत्वावधान में प्रशिक्षण प्राप्त उन विद्यार्थियों को जिन्होंने हाल ही में कॅरियर सफलता हासिल की है, सम्मानित किया गया।
कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने मधुर गीत सुनया। हरियाणवी समूह नृत्य तथा कर्ण प्रिय गीत प्रस्तुतियां दी गई। दोपहर कालीन सत्र में कॉमेडी नाटक दो वर्दियां की प्रस्तुति हुई। निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी के निर्देशन में इस हास्य नाट्य की प्रस्तुति हुई।
इंडक्शन प्रोग्राम में प्रॉक्टर प्रो. एस.सी. मलिक ने स्वागत भाषण दिया। डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा ने छात्र कल्याण कार्यक्रमों बारे, चीफ वार्डन गर्ल्स प्रो. सपना गर्ग ने कन्या छात्रावास सुविधा बारे, खेल निदेशक प्रो. आर.पी. गर्ग ने खेल गतिविधियों तथा उपलब्धियों बारे, सीसीपीसी निदेशक प्रो. सुमित गिल ने करियर काउंसलिंग तथा प्लेसमेंट अवसर बारे तथा कार्यक्रम समन्वयक वाईआरसी प्रो. अंजू धीमान ने यूथ रेडक्रॉस गतिविधियों बारे जानकारी दी।
आभार प्रदर्शन डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा ने किया। मंच संचालन निदेशक युवा कल्याण डॉ. जगबीर राठी ने किया। स्टेज आयोजन सहयोग सहायक निदेशक डॉ. प्रताप राठी ने दिया। इस अवसर पर डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुरेन्द्र कुमार, कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीन सीडीसी प्रो. ए.एस. मान, प्रॉक्टर प्रो. एस.सी. मलिक, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. अरुण नंदा, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, फैकल्टी डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक तथा पीजी में नव प्रवेश प्राप्त विद्यार्थी मौजूद रहे।