सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों की समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिकाः प्रो. बी. नरसिम्हन
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रोहतक, गिरीश सैनी। सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों के लिए स्वयंसेवकों की क्षमता निर्माण के उद्देश्य से एमडीयू में सोमवार को ग्राम सारथी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
आईएचटीएम सभागार में यूनिवर्सिटी आउटरीच सेंटर तथा यूथ रेड क्रॉस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में आईक्यूएसी निदेशक प्रो. बी. नरसिम्हन ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कहा कि सामुदायिक सहभागिता गतिविधियों के लिए स्वयंसेवकों की क्षमता निर्माण एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल स्वयं सेवकों के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम की निदेशिका एवं वाईआऱसी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. अंजू धीमान ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया और इस कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रूपरेखा पर प्रकाश डाला। यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम के प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस सुनील जागलान ने ग्राम सभा, सरपंच और उनकी युवाओं व गांव के विकास में भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने स्वयंसेवकों को इस पहल से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और समुदाय से जुड़ाव और उसकी आवश्यकताओं को समझने के महत्व पर जोर दिया।
यूनिवर्सिटी आउटरीच के सीनियर कंसल्टेंट प्रो. राजकुमार ने समाज में बदलाव लाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर उठाए जाने वाले कदमों की महत्ता पर बल दिया। किसान संचार के निदेशक मलजीत ने ग्राम सारथी पहल और समुदाय की समस्याओं को समझ कर उनके समाधान की प्रक्रिया पर विस्तार से बताया। मंच संचालन वालंटियर्स अनामिका और अंकित ने किया। उपनिदेशक यूनिवर्सिटी आउटरीच प्रोग्राम डा. कर्मवीर श्योकंद ने आभार जताया।
कार्यक्रम में दो सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवकों मानसी (टीकाराम गर्ल्स कॉलेज, सोनीपत) और कीर्ति (गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन, रोहतक) को सम्मानित किया गया। इस दौरान डा. मीनू भान व डा. गीता, वाईआरसी काउंसलर्स डा. दीपक लठवाल, डॉ. सविता, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. आनंद कुमार, कविता, सुभाष, सीमा लौरा, डॉ. रेखा रानी, पूजा, टीना सैनी, इंदु बाला, डॉ. सविता यादव, डॉ. ज्योति गोयल सहित 270 वाईआरसी वालंटियर्स मौजूद रहे।