भारत पूरी दुनिया को कुटुंब मानने और विश्व शांति का संदेश देने वाला देश: पवन जिंदल

जीयू में अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न। 

भारत पूरी दुनिया को कुटुंब मानने और विश्व शांति का संदेश देने वाला देश: पवन जिंदल

रोहतक, गिरीश सैनी। वालपराइसो विश्वविद्यालय, इंडियाना, यूएसए और गुरुग्राम विवि के प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय चौथा  अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। 

“चक्रीय अर्थव्यवस्था में परिवर्तन: ट्रिपल बॉटम लाइन और उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र की भूमिका” विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता पवन जिंदल न शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की और मुख्य संरक्षक डॉ. राजीव कुमार रहे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर समापन सत्र का शुभारम्भ किया। 

इस सम्मेलन के लिए 100 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। सम्मेलन में विघटनकारी अर्थव्यवस्थाओं और उद्यमियों की बदलती भूमिका पर विचार प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लगभग 192 से अधिक शोध विद्वान, संकाय सदस्य, विद्यार्थियों ने इस सम्मेलन में शिरकत की। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने मुख्य अतिथि पवन जिंदल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। प्रबंधन विभाग की डीन प्रो अमरजीत कौर ने इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लक्ष्यों के बारे में सभी को जानकारी दी। 

मुख्य अतिथि पवन जिंदल ने अपने अनुभवों और वास्तविक जीवन के उदाहरणों  के साथ सम्मेलन के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत एक प्राचीन राष्ट्र है, जो दुनिया को रास्ता दिखाने वाला है। उन्होंने संस्कृति के चार मुख्य आधार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के माध्यम से सर्कुलर इकॉनमी के बारे में बारीकी से समझाया। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने युवा शोधकर्ताओं को समाज और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए सार्थक और परिणामोन्मुखी अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित किया।