भारत ने दुनिया को गणित के गूढ़ रहस्यों के समाधान से अवगत करायाः कुलपति प्रो सुदेश
वैदिक गणित पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित।
खानपुर कलां, गिरीश सैनी। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां की कुलपति प्रो सुदेश ने कहा है कि भारत में गणित की महान प्राचीन परंपरा है। भारत ने दुनिया को गणित के गूढ़ रहस्यों के समाधान से अवगत कराया है। भारतीय गणितज्ञों द्वारा की गई शून्य तथा दशमलव की खोज से दुनिया को गणित समझ में आया। जीवन के हर क्षेत्र में गणित का केंद्रीय योगदान है। कुलपति प्रो. सुदेश आज गणित विभाग द्वारा राष्ट्रीय गणित दिवस और महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन् की 136वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सेमिनार में अध्यक्षीय संबोधन कर रही थी। उन्होंने कार्यक्रम आयोजन में छात्राओं की भागीदारी पर आयोजक टीम को बधाई दी।
कुलपति प्रो सुदेश ने महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन सहित सभी भारतीय गणितज्ञों को याद करते हुए कहा कि भारतीय गणितज्ञों ने गणित को नए अर्थ दिए हैं। हमारे मनीषियों के गणित ज्ञान के दम पर भारत विश्व गुरु कहलाता था। कुलपति ने भारतीय महिला गणितज्ञ शकुंतला देवी का उदाहरण देते हुए छात्राओं को गणित के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गणित को लेकर अपने स्वयं के अनुभव भी छात्राओं के साथ साझा किए।
वैदिक गणित विषयक इस एक दिवसीय सेमिनार में एमडीयू, रोहतक के गणित विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं डॉ मंगल सेन शोधपीठ के निदेशक प्रो राजीव कुमार ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
मुख्य वक्ता प्रो राजीव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाला गणित वर्तमान तकनीक का जनक है। उन्होंने कहा कि गणित की जटिलताओं को हल करने की सबसे सरल प्रणाली वैदिक गणित है। यह आधुनिक गणित की तुलना में 10 से 15 गुणा तेजी से गणना करने में सहायक है, जिसमें कैलकुलेटर का कोई प्रयोग नहीं होता। वैदिक गणित किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में कम से कम समय में तीव्रता एवं शुद्धता के साथ अधिक से अधिक प्रश्नों को हल करने में सक्षम होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कई बार विद्यार्थी बिना समझे या अभ्यास किए ही गणित को एक मुश्किल विषय मान लेते हैं। जबकि वास्तव में गणित एक रूचिकर विषय है। भारत को यदि विकसित राष्ट्र बनाना है तो हमें गणित के महत्व को और अधिक समझना होगा।
विशेष आमंत्रित वक्ताओं के रूप में वैदिक गणित के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ राकेश भाटिया, दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रो अनुराधा गुप्ता, जेएनयू से डॉ गजेंद्र प्रताप सिंह तथा बीपीएसएमवी से डॉ सुनील कुमार ने अपने संबोधन में वैदिक गणित को अमूल्य तकनीक का एक ऐसा संग्रह बताया, जो न केवल तेज व सटीक गणना करने में सहायता करता है। बल्कि विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि पैदा करने के साथ-साथ गणित को मनोरंजक भी बनाता है। वक्ताओं ने विद्यार्थियों को वैदिक गणित कोर्स एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के अवसरों से भी अवगत करवाया।
सेमिनार के कंवीनर एवं गणित विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में कार्यक्रम का ब्यौरा दिया। इस सेमिनार में विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक, यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल व कन्या गुरुकुल के कक्षा आठवीं व नौवीं के विद्यार्थियों के अलावा गणित विभाग के विद्यार्थी व शोधार्थी मौजूद रहे।