विश्व कप के बहुत करीब भारत
-*कमलेश भारतीय
कल रात डेढ़ बजे इंग्लैंड को हराकर भारत विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में पहुंच गया। खराब मौसम के चलते पहले देरी से मैच शुरू हुआ, फिर जब रोहित शर्मा व सूर्यकुमार यादव के बीच अच्छे रन बन रहे थे तब बारिश ने इन दोनों की लय में व्यवधान डाला लेकिन फिर भी रोहित अर्द्धशतक लगा कर ही पेविलियन लौटा और सूर्यकुमार ने भी उम्मीद बनाये रखी। अक्षर पटेल ने छक्के से स्कोर 170 तक पहुंचा दिया और फिर बाॅलिंग में भी अक्षर व कुलदीप यादव ने इंग्लैंड को सस्ते में ही फाइनल की दौड़ से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इससे पहले मैच में अहंकारी आस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल से पहले ही बाहर कर दिया। आस्ट्रेलिया इसलिए अहंकारी है क्योंकि पिछली बार जब भारत को फाइनल में हराया, तब ट्राफी को अपने पांव तले रख कर क्रिकेट के खेल का अपमान किया था। इस बार आस्ट्रेलिया का अहंकार तो अफगानिस्तान जैसी छोटी सी टीम ही कर गयी, जिसने आस्ट्रेलिया को हरा कर विश्व कप में बड़ा उलटफेर कर दिखाया। अब कैसे रखोगे ट्राफी अपने कदमों में? अहंकार का सदैव सिर नीचे होता ही है और आस्ट्रेलिया का अहंकार भी टूटा। पहले अफगानिस्तान ने हराया, फिर भारत ने और इस तरह फाइनल क्या, सेमीफाइनल से पहले ही विजय की राह से दूर रह गया आस्ट्रेलिया।
अब दुआयें भारत के लिए, कप्तान रोहित शर्मा के लिए कि वह अपना प्रदर्शन फाइनल तक बरकरार रखे और भारत विश्व विजेता बने। बेशक रोहित के साथ हार्दिक पंड्या, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत, सूर्यकुमार यादव, शिवम् दूबे आदि सभी खिलाड़ियों का योगदान कम नहीं। पूरी टीम जब एकजुटता से खेलती है, तभी जीत का रास्ता खुलता जाता है। पिछली बार भी फाइनल से पहले भारत एक भी मैच हारा नहीं था और इस बार भी अजेय ही फाइनल तक पहुंचा है। बस, एक और आखिरी जीत और.... दुआ है सबकी ओर से।
-*पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।