भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करेगी इस साल
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक अच्छी खबर है। पीडब्ल्यूसी की वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वे रिपोर्ट इस साल अर्थव्यवस्था को लेकर उम्मीद जगाती है।
आईटी जॉब्स में नयी भर्तियों का ग्राफ निंरतर ऊपर उठ रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह में ही डेल, ओरेकल, आईबीएम, जेनपेक्ट और सेल्सफोर्स जैसी प्रमुख कंपनियों ने 70 हजार नयी भर्तियों की पेशकश की। अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस, एचसीएल, टैक महिंद्रा और माइंड ट्री जैसी भारत की टॉप 10 कंपनियों में नयी भर्तियों का आंकड़ा पांच लाख तक पहुंच जाएगा। उधर, दिसंबर माह में विभिन्न उद्योगों में नई भर्तियों में सालाना 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मॉन्सटर डॉट कॉम के अनुसार, इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। रोजगार से जुड़ी इस वेबसाइट के आंकड़े दर्शाते हैं कि दिसंबर 2021 में कार्यालय से जुड़े उपकरणों और ऑटोमेशन के क्षेत्र में जॉब्स की मांग अधिक रही। इससे एक बात तो साफ होती है कि नई नौकरियों को लेकर आने वाला समय अच्छा रहने वाला है।
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक अच्छी खबर है। पीडब्ल्यूसी की वार्षिक ग्लोबल सीईओ सर्वे रिपोर्ट इस साल अर्थव्यवस्था को लेकर उम्मीद जगाती है। कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में 89 देशों में करीब साढ़े चार हजार सीईओ से बातचीत के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की। इनमें 77 सीईओ भारत से हैं। रिपोर्ट में भारत के करीब करीब सभी सीईओ ऐसा मानते हैं कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करेगी और अगले 12 माह में अर्थव्यवस्था एक बार फिर से गति पकड़ेगी। पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में 74 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है, जो अर्थव्यवस्था को एक नये स्तर पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। देश में 50 ऐसे स्टार्टअप ऐसे हैं जिनकी वैल्यू एक अरब डॉलर से ऊपर निकल जाएगी। एक अरब डॉलर से अधिक कीमत वाले स्टार्टअप यूनिकॉर्न कहलाते हैं। यदि ऐसा हो गया तो देश में यूनिकॉर्न की संख्या 118 हो जाएगी। उभरते स्टार्टअप्स में जो नाम शामिल हो सकते हैं उनमें ईकॉम एक्सप्रेस, खाताबुक, पेपरफ्राइ, वॉटफिक्स, फ्रेक्टो आदि प्रमुख हैं।
अपना बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करने के लिए इससे अच्छा समय और नहीं हो सकता, जब भारत सरकार उद्यमी बनने की चाह रखने वाले युवाओं की मदद करने को तैयार खड़ी है। हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप और इनोवेशन को लेकर बहुत ही उत्साहवर्धक बातें कही थीं कि सरकार इस तरह के प्रोजेक्ट्स में हर संभव सहायता देगी। दस लाख रुपये तक का बिजनेस शुरू करना हो अथवा मौजूदा बिजनेस का विस्तार करना हो तो उसके लिए सरकार का मुद्रा लोन एक बेहतर जरिया हो सकता है। मुद्रा योजना का लाभ उठाने के लिए बैंकों को कोई गारंटी देने की जरूरत नहीं होती और न ही कोई प्रोसेसिंग फीस लगती है। माइक्रो यूनिट्स डवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) यह लोन जारी करती है। मुद्रा लोन लेने के लिए भारत का नागरिक होना पहली शर्त है। इसमें 50 हजार, पांच लाख और दस लाख तक लोन के तीन स्लैब हैं, जो अलग-अलग श्रेणी के व्यवसायियों को दिये जाते हैं। लोन स्वीकृत हो जाने पर डेबिट कार्ड जैसा एक मुद्रा कार्ड दिया जाता है, जिससे एटीएम के माध्यम से धन की निकासी की जा सकती है। अधिक जानकारी मुद्रा डॉट ओआरजी डॉट इन वेबसाइट से ली जा सकती है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व कॉलमिस्ट हैं)