एनईपी के अनुरूप शिक्षा का भारतीयकरण व हरियाणवीकरण होः प्रो. बी.के. कुठियाला

शिक्षकों को दिया वर्तमान शिक्षण चुनौतियों से पार पाने का मंत्र।

एनईपी के अनुरूप शिक्षा का भारतीयकरण व हरियाणवीकरण होः प्रो. बी.के. कुठियाला

रोहतक, गिरीश सैनी। एमडीयू के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा पंचनद शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में- हरियाणा में शिक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतिरिक्त विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पंचनद शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रो. ब्रिज किशोर कुठियाला ने बतौर प्रस्तोता शिरकत की। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने इस संगोष्ठी की अध्यक्षता की।

 

प्रो. ब्रिज किशोर कुठियाला ने अपने प्रभावी संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा का भारतीयकरण हो तथा हरियाणवीकरण हो। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतिरिक्त हरियाणा राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच पर विशेष फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने हरियाणा में शिक्षण संस्थानों के आधारभूत ढांचे में सुधार, शिक्षकों की गुणवत्ता में वृद्धि और तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने हरियाणा के युवाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा नीति और योजनाएं बनाए जाने की वकालत की। शिक्षकों को वर्तमान शिक्षण चुनौतियों से पार पाने का मंत्र प्रो. कुठियाला ने दिया।

 

कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अतिरिक्त शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा समग्र रूप से बच्चों की शिक्षा की दिशा बदलने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता, नवाचार और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

 

डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने कहा कि शिक्षक होने का बोध होना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों से अपने उत्तरदायित्वों को समझने और पूरी निष्ठा से उनका निर्वहन करने का आह्वान किया। आईक्यूएसी निदेशक प्रो. बी. नरसिम्हन ने प्रारंभ में स्वागत भाषण दिया। पंचनद शोध संस्थान के प्रदेश समन्वयक प्रो. वजीर नेहरा ने संगोष्ठी की विषयवस्तु पर प्रकाश डाला। रोहतक नगर अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष एवं कुलसचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने आभार जताया। डा. रवि प्रभात ने मंच संचालन किया। इस दौरान एमडीयू के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, अधिकारी, गैर शिक्षक कर्मी, शोधार्थी, विद्यार्थी, शहर के शिक्षाविद एवं प्रबुद्धजन मौजूद रहे।