बीएमयू में विद्यार्थियों को दी न्याय प्रणाली में पुलिस जांच की भूमिका की जानकारी

बीएमयू में विद्यार्थियों को दी न्याय प्रणाली में पुलिस जांच की भूमिका की जानकारी

रोहतक, गिरीश सैनी। स्थानीय बाबा मस्तनाथ विवि के विधि विभाग द्वारा कुलपति प्रो एच.एल. वर्मा के मार्गदर्शन में "भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में पुलिस जांच की भूमिका" विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को पुलिस की आपराधिक न्याय प्रणाली में निभाई जाने वाली प्रमुख भूमिकाओं से अवगत कराना रहा।

बतौर मुख्य वक्ता, केंद्रीय गृह मंत्रालय के पूर्व अधिकारी एस.के. बेनीवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि पुलिस आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन प्रमुख स्तंभों में से एक है, जो न्यायपालिका व अभियोजन के साथ मिलकर कार्य करती है। उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच आपराधिक प्रक्रिया का मूल आधार होती है और इसके बिना न्यायिक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। पुलिस की भूमिका केवल शुरुआती जांच तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वह पूरे आपराधिक मामले को तार्किक अंजाम तक पहुंचाने के लिए भी कड़ी मेहनत करती है।

कार्यक्रम संचालन डॉ. विनती ने किया। विधि विभाग के डीन डॉ मनीष दलाल और डिप्टी डीन डॉ रितु ने कहा कि पुलिस आपराधिक न्याय प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा है और अपराध की जांच प्रक्रिया का पहला कदम पुलिस द्वारा ही उठाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि उचित और निष्पक्ष पुलिस जांच के बिना अपराधी को सजा दिलाना संभव नहीं होता। इस दौरान डॉ सीमा देवी, डॉ राजरानी, डॉ प्रमिला, डॉ नेहा, डॉ सोनिया, डॉ हरविंदर, आकाशदीप व मालिया मौजूद रहे।