अंतर्विषयक शोध समय की जरूरतः कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई
गुजवि में तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू।
हिसार, गिरीश सैनी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि अंतर्विषयक शोध समय की जरूरत है। अंतर्विषयक शोध के लिए आवश्यक है कि अन्य विषयों से संबंधित शोध उपकरणों का प्रयोग भी शोधार्थियों को आना चाहिए। प्रो. नरसी राम बिश्नोई बुधवार को सीआईएल के सौजन्य से आयोजित 'एडवांस्ड एनालिटिकल टैक्निक्स-24' विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. विनोद कुमार छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता सीआईएल के निदेशक तथा कार्यशाला संयोजक प्रो. मुनीष आहुजा ने की। इस कार्यशाला में हरियाणा तथा अन्य राज्यों के 40 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि शोध उपकरणों की तकनीक तेजी से बदल रही है। समय के साथ जहां शोध उपकरण अधिक उपयोगी तथा सुविधाजनक हुए हैं, वहीं इन उपकरणों का प्रयोग चुनौतीपूर्ण भी हुआ है। शोधार्थियों को हर प्रकार के शोध उपकरण का प्रयोग आना चाहिए। कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि शोधार्थियों को नई तकनीक खोजने के लिए प्रयास करना चाहिए। इस क्षेत्र में रोजगार व अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं।
प्रो. मुनीष आहुजा ने अपने स्वागत संबोधन में बताया कि विश्वविद्यालय की सीआईएल लैब शोध तथा अनुसंधान के लिए देश भर के 75 संस्थानों को सुविधा उपलब्ध करवा रही है। लैब द्वारा शोध से संबंधित विभिन्न विषयों पर सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ किए जाने की योजना भी है। प्रो. सीपी कौशिक ने कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी।