दोआबा कॉलेज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के टूल्ज़ द्वारा प्रेजेंटेशन पर अन्तराष्ट्रीय सैमीनार आयोजित
दोआबा कॉलेज के पोस्ट गे्रजूएट अंग्रेजी विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस के टूल्ज़ द्वारा प्रेजेंटेशन पर अन्तराष्ट्रीय सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. पैट्रिक कोरर्बट, न्यू यॉर्क सिटी, कॉलेज ऑफ टैक्नॉलजी, यूएसए बतौर मुख्य वक्ता तथा डा. नकुल कुंद्रा- सैंट्रल यूनीवर्सिटी, इलाहाबाद एवं विभाग के पूर्व विद्यार्थी बतौर गेस्ट ऑफ हॉनर उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. ईरा शर्मा- विभागाध्यक्ष, प्रो. संदीप चाहल- संयोजक, डा. अविनाश चंद्र, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया।
जालन्धर, 29 सितंबर, 2023: दोआबा कॉलेज के पोस्ट गे्रजूएट अंग्रेजी विभाग द्वारा आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस के टूल्ज़ द्वारा प्रेजेंटेशन पर अन्तराष्ट्रीय सैमीनार का आयोजन किया गया जिसमें डा. पैट्रिक कोरर्बट, न्यू यॉर्क सिटी, कॉलेज ऑफ टैक्नॉलजी, यूएसए बतौर मुख्य वक्ता तथा डा. नकुल कुंद्रा- सैंट्रल यूनीवर्सिटी, इलाहाबाद एवं विभाग के पूर्व विद्यार्थी बतौर गेस्ट ऑफ हॉनर उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. ईरा शर्मा- विभागाध्यक्ष, प्रो. संदीप चाहल- संयोजक, डा. अविनाश चंद्र, प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने किया।
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि आज के बदलते दौर में भारत वैश्विक स्तर पर नई तकनीकों, स्पेस साईंस, व नए क्षेत्रों जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि के टूल्ज़ विभिन्न क्षेत्रों में अपना रहा है तथा इस सैमीनार के द्वारा सभी विद्यार्थियों को विकसित देशों से आए शोध कर्ताओं से बहुत कुछ उपयोगी सीखने को मिलेगा।
प्रो. संदीप चाहल- संयोजक ने मुख्य वक्ता डा. पैट्रिक कॉर्बट के विभिन्न कार्य क्षेत्रों- प्रोफेशनल कम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न टूल्ज़ के प्रेजेंटेशन बनाने में उनके तजुरबे, राईटिंग स्किलस तथा रिर्सच स्किलस के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
डा. पैट्रिक कॉर्बट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के के महत्वपूर्ण टूल्ज़ कानवा एवं गामा की सहायता से एक सशक्त ग्रॉफिक डिजाईन प्लेटफॉर्म बनाने की प्रेजेंटेशन क्लाउड कम्पयूटिंग टैकनीक द्वारा उपस्थिति को बखूबी दर्शायी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस द्वारा हम किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक कर सकते हैं परंतु हमें उस कार्य की नैतिकता का भी ध्यान रखना होगा।
डा. कॉर्बट ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव बुद्धि का विकल्प नहीं हो सकता तथा यह शिक्षा जगत में मानवतावादियों की महत्वपूर्ण भूमिका की जगह भी नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि इस कृत्रिम बुद्धिमता प्रौद्योगिकी और इससे जुड़े उपकरणों का लाभ उठाकर हम कार्य को जल्द तों निपटा सकते हैं परंतु अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हमें इसमें सबसे उपयोगी अर्थ निकालकर इसे पुनर्व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें अपने में हर असफलता को सफलता में तब्दील करने की क्षमता को विकसित करना होगा। विद्यार्थियों को प्रश्नोत्तकाल में डा. पैट्रिक कॉर्बट से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया।
प्रो. ईरा शर्मा ने वोट ऑफ थैंकस दिया।
प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी, प्रो. ईरा शर्मा, प्रो. संदीप चाहल ने डा. पैट्रिक कॉर्बट और डा. नकुल कुंद्रा को सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया।